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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जहाँ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर दो विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता के तौर पर पंजीकृत होने और संभवतः दो वोटर आईडी रखने का गंभीर आरोप लगा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले को उठाते हुए इसे "धोखाधड़ी और घोटाला" करार दिया है और चुनाव आयोग (EC) से कार्रवाई की मांग की है। इसके जवाब में, चुनाव आयोग ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा को नोटिस जारी कर 14 अगस्त तक अपना पक्ष रखने को कहा है।

तेजस्वी का आरोप: दो पहचान, दो उम्र, बड़ी साजिश?

तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि विजय सिन्हा के पास दो इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) नंबर हैं। उन्होंने दस्तावेज़ पेश करते हुए कहा कि सिन्हा लखीसराय विधानसभा क्षेत्र (EPIC No. IAF3939337) और बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र (EPIC No. AFS0853341) दोनों जगह मतदाता के रूप में दर्ज हैं। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि एक वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 57 साल और दूसरी में 60 साल बताई गई है। 

तेजस्वी ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह "स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)" प्रक्रिया में धोखाधड़ी का मामला है, या उपमुख्यमंत्री खुद इसमें शामिल हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस कथित "धोखाधड़ी" पर कोई FIR दर्ज होगी और क्या सिन्हा इस्तीफा देंगे।

विजय सिन्हा का पलटवार: तकनीकी गलती, विपक्ष फैला रहा झूठ

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह एक तकनीकी गलती का मामला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अप्रैल 2024 में लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया था और साथ ही बांकीपुर सीट से अपना नाम हटवाने का भी अनुरोध किया था। 

सिन्हा के अनुसार, कुछ कारणों से उनका नाम बांकीपुर से नहीं हटाया जा सका, जिसके लिए उन्होंने बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) को पत्र भी लिखा था। उन्होंने दावा किया कि वे हमेशा केवल एक ही जगह से मतदान करते हैं और विपक्ष उनकी छवि खराब करने के लिए झूठ फैला रहा है। सिन्हा ने तेजस्वी यादव से इस मामले में माफी मांगने की भी मांग की है।

चुनाव आयोग की भूमिका और आगामी विधानसभा चुनाव

यह पूरा विवाद बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सामने आया है, जब मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) चल रहा है। चुनाव आयोग द्वारा नोटिस जारी करने से यह मामला और भी गरमा गया है। जहाँ एक ओर विपक्ष सरकार और चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष इसे राजनीतिक साजिश बता रहा है।

 इस घटनाक्रम से बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और इसका आगामी चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है। बिहार राजनीति और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर यह एक अहम मुद्दा बन गया है। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और तेजस्वी यादव के बीच यह आरोप-प्रत्यारोप बिहार चुनाव के माहौल को और गरमा रहा है। वोटर आईडी धोखाधड़ी का यह मामला चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर रहा है

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