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Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड (Bollywood) की 'रोमांटिक आवाज़' कहे जाने वाले महान गायक कुमार सानू (Kumar Sanu) ने एक बहुत ही गंभीर और जरूरी कानूनी लड़ाई छेड़ दी है। उन्होंने अपनी सबसे बड़ी पूंजी यानी अपनी आवाज (Voice) और अपनी कलात्मक पहचान (Artistic Identity) को सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया है।

आज के डिजिटल युग में, जहाँ आवाज़ की क्लोनिंग (Cloning) या उसका अनधिकृत (Unauthorized) इस्तेमाल आम हो गया है, कुमार सानू ने यह महसूस किया कि उनके वर्षों के काम और उनकी विशिष्ट आवाज़ को सुरक्षा की सख्त ज़रूरत है।

कानूनी लड़ाई की मुख्य वजह: एक दिग्गज गायक (Legendary Singer) का इस तरह कोर्ट जाना बताता है कि मामला कितना बड़ा है। कुमार सानू ने इस बात की आशंका जताई है कि:

आवाज़ की क्लोनिंग और नकल: उनका मानना है कि कुछ कंपनियाँ, टेक्नोलॉजी (Technology) का इस्तेमाल करके उनकी आवाज (Voice) की नकल कर रही हैं और फिर उससे बनाए गए गाने या कंटेट (Content) को गलत तरीके से बाजार में बेचकर कमाई कर रही हैं।

कलात्मक सम्मान: वे चाहते हैं कि उनके गायन की अपनी एक अलग पहचान है, उस पर उनका एकमात्र अधिकार बना रहे और उसे बिना उनकी इजाजत के किसी भी अन्य विज्ञापन, गाने या फिल्म (Film) में इस्तेमाल न किया जाए।

यह मुकदमा न सिर्फ कुमार सानू की निजी लड़ाई है, बल्कि देश के तमाम कलाकारों (Artists) के लिए बहुत बड़ा कदम है। यह सवाल उठाता है कि इस तेज़ी से बदलती दुनिया में किसी कलाकार (Singer) का पहचान (Identity) और उसका बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) किस तरह सुरक्षित (Protect) रखा जा सकता है।

दिल्ली हाई कोर्ट से इस संरक्षण (Protection) को पाने के बाद कुमार सानू आने वाले समय में एक सफल कानूनी उदाहरण (Legal Example) स्थापित कर सकते हैं, जो दूसरे कलाकारों के अधिकारों को बचाने में मदद करेगा।