
Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड की दुनिया में सफलता और असफलता का खेल बहुत अनोखा है। यहाँ कई ऐसे किस्से हैं जहाँ एक अभिनेता ने लगातार असफलताएं देखीं, फिर भी वह दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना पाया। ऐसे ही एक करिश्माई अभिनेता हैं मिथुन चक्रवर्ती, जिन्होंने सबसे ज्यादा फ्लॉप फिल्में देने का रिकॉर्ड रखने के बावजूद स्टारडम हासिल किया। उनकी कहानी दृढ़ता, प्रतिभा और कभी न हार मानने वाले जज्बे का एक बेहतरीन उदाहरण है।
मिथुन चक्रवर्ती के करियर का शुरुआती दौर संघर्षों से भरा था। उनकी पहली फिल्म 'मृगया' (1976) को भले ही राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, लेकिन उन्हें व्यावसायिक सफलता नहीं मिली। इसके बाद तो जैसे फ्लॉप फिल्मों का सिलसिला ही शुरू हो गया। उन्होंने लगातार 33 फ्लॉप फिल्में दीं, जो अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड है और शायद किसी अन्य मुख्य अभिनेता ने यह 'रिकॉर्ड' नहीं बनाया होगा।
यह दौर इतना मुश्किल था कि उन्हें कई बार रंगभेद का सामना करना पड़ा, आर्थिक तंगी इतनी थी कि उन्हें आत्महत्या के विचार भी आने लगे थे। एक समय तो ऐसा भी आया जब वे कलकत्ता (अब कोलकाता) लौटने की सोच रहे थे, क्योंकि मुंबई में उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था।
लेकिन मिथुन ने हार नहीं मानी। 1982 में रिलीज हुई फिल्म 'डिस्को डांसर' उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इस फिल्म ने उन्हें रातों-रात 'डिस्को किंग' बना दिया। उनका अनोखा डांसिंग स्टाइल, ऊर्जा और आकर्षक व्यक्तित्व दर्शकों को खूब पसंद आया और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी। यह फिल्म उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाने वाली बनी, खासकर तत्कालीन सोवियत संघ (USSR) में यह बेहद लोकप्रिय हुई।
'डिस्को डांसर' के बाद मिथुन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 'प्यार झुकता नहीं', 'कसम पैदा करने वाले की', 'डांस डांस', 'गुरु' और 'वॉन्टेड' जैसी कई हिट फिल्में दीं। उनकी कुछ फिल्में जैसे 'गुंडा' और 'एमएलए फाटकरा' भले ही आलोचकों द्वारा पसंद न की गई हों और अपने अजीबोगरीब संवादों के लिए जानी जाती हों, लेकिन वे कल्ट क्लासिक बन गईं और दर्शकों के बीच आज भी लोकप्रिय हैं। इन फिल्मों ने उनकी अनूठी पहचान को और मजबूत किया।
यह मिथुन चक्रवर्ती की दृढ़ता और प्रतिभा का ही कमाल था कि इतनी फ्लॉप फिल्मों के बावजूद उन्होंने खुद को साबित किया और बॉलीवुड के सबसे सफल और लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक बने। उनकी कहानी यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और अपने हुनर पर भरोसा करके किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है और अंततः सफलता हासिल की जा सकती है।
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