img

Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने हाल ही में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा किया है। 9 अगस्त को गिरफ्तार किए गए हेड कांस्टेबल राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव ने पुलिस रिमांड में यह स्वीकार किया कि उन्होंने यह पेपर उदयपुर निवासी कुंदन पंड्या से 5 लाख रुपये में खरीदा था।

पुराने संबंधों का फायदा उठाते हुए पेपर लीक

गिरफ्तार किए गए राजकुमार और कुंदन पंड्या का परिचय 2008 से था। उस समय राजकुमार, तत्कालीन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय के पीएसओ (प्रिंसिपल सिक्योरिटी ऑफिसर) थे, और कुंदन मंत्री के क्षेत्र में लाइजनिंग का काम करता था। यह पुराना संपर्क ही था जिसकी मदद से कुंदन ने राजकुमार को लीक हुआ पेपर मुहैया कराया। इस माने गए कनेक्शन को लेकर अब पुलिस की जांच में कई नई परतें खुलने लगी हैं।

लाखों रुपये की बिक्री और मुनाफा

राजकुमार यादव ने सिर्फ अपने बेटे भरत को ही पेपर नहीं दिया, बल्कि इसे अपने साथी कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह यादव और पड़ोसी रविंद्र सैनी को भी बेचा। इस बिक्री से उसे 7.50 लाख रुपये का लाभ हुआ, और इस तरह से एक ही पेपर से उसने 2.50 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। भरत यादव ने लिखित परीक्षा पास की, लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षा में फेल हो गया। वहीं, सत्येंद्र और रविंद्र दोनों ही सब-इंस्पेक्टर के पद पर चयनित हो गए।

मेरिट में भी ताज्जुब

सत्येंद्र सिंह यादव ने मेरिट लिस्ट में 12वीं रैंक हासिल की, जबकि रविंद्र सैनी ने 156वीं रैंक पाई। राजस्थान पुलिस की एसओजी ने पहले ही सत्येंद्र को गिरफ्तार कर लिया था और उसकी निशानदेही पर राजकुमार यादव का नाम सामने आया। फिलहाल रविंद्र सैनी फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।

अब तक 120 गिरफ्तारी, और बड़े नामों की संभावना

एसओजी ने अब तक इस मामले में 54 सब-इंस्पेक्टर सहित कुल 120 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का मानना है कि इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं, क्योंकि यह एक बड़ी और जटिल साजिश प्रतीत हो रही है।

राजकुमार का गहलोत से जुड़ा पूर्व संबंध

यह बात भी सामने आई है कि राजकुमार यादव एक समय पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सुरक्षा में भी तैनात था। इस पर गहलोत ने 'X' पर एक पोस्ट करके इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली है कि जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कांस्टेबल और उसके पुत्र को एसओजी ने हिरासत में लिया है। यदि किसी व्यक्ति के अपराध में संलिप्तता हो, तो कानून को अपना काम करना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि एसओजी बिना किसी दबाव के इस मामले की पूरी जांच कर उसे तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाएगा।"

--Advertisement--