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investment: ये सच है कि रियल एस्टेट को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, मगर इसमें भी कई पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

जैसा कि आपने उदाहरण में बताया, यदि कोई निवेशक किसी संपत्ति को लंबे समय तक होल्ड करता है, तो उसे यह समझना चाहिए कि उस समय में वह पैसा अन्य निवेशों में कैसे बढ़ सकता था। उदाहरण के लिए यदि वह संपत्ति को पहले बेचा होता और उस पैसे को बैंक में रखा होता, तो उसे अधिक रिटर्न मिल सकता था।

समय के साथ पैसे की क्रय शक्ति घटती है। मुद्रास्फीति के कारण, जो पैसा आज 1 करोड़ रुपये का है, वह भविष्य में कम मूल्य का हो सकता है। इसलिए, निवेशकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनका पैसा समय के साथ कैसे बदलता है।

रियल एस्टेट में भी नुकसान हो सकता है। कभी-कभी संपत्ति की कीमतें स्थिर रहती हैं या घटती हैं, जिससे निवेशक को नुकसान होता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई निवेशक एक संपत्ति को एक करोड़ रुपये में खरीदता है और बाद में उसे 3 करोड़ रुपये में बेचता है, तो इससे उसे फायदे की जगह नुकसान हुआ है। आईये जानते हैं कैसे-

एक फ्लैट 2 करोड़ रुपये में खरीदा. उसे चार पांच वर्ष तक रखा और बेचने की ठानी। वो संपत्ति उसी वक्त 2 करोड़ 70 लाख रुपये की बिक सकती था, मगर आपने नहीं बेचा, क्योंकि आप उसे 3 करोड़ में बेचना चाहते थे. आपने कुछ वक्त प्रतीक्षा करना बेहतर समझा. इंतजार करते-करते 4 साल और निकल गए।

अब कुल 8 वर्ष बाद आपको 3 करोड़ 10 लाख का भाव मिला और आप उसे बेचकर निकल गए. यदि आपको लग रहा है कि फ्लैट पर पूरा 1.10 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है तो जरा रुकिए. इसे अच्छे से गणना करके देखते हैं. आपने 30 लाख रुपये के लिए 4 साल की प्रतीक्षा की। यदि आप 2.70 करोड़ रुपये में चार साल पहले बेच देते और उस पैसे को किसी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट में रखते तो कितना पैसा मिलता? बैंक इतने पैसे पर 7 प्रतिशत का ब्याज देता है. इतने पैसे को 4 साल तक FD में रखा जाता तो आपको कुल 3,56,38,092 (3 करोड़ 56 लाख) रुपये मिलते. चार साल के लिए 86 लाख रुपये से कुछ ज्यादा ब्याज जुड़ जाता. अब ये गणना कहती है कि आपको 46 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

नोट- निवेश करने से पहले विशेषज्ञों से राय जरुर लें। अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है।
 

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