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Bribe Case: पाइप गैस के कनेक्शन के साथ-साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए फायर ब्रिगेड अधिकारी द्वारा रिश्वत देने का प्रयास विफल हो गया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा बिछाए गए जाल में फंसकर इस अधिकारी ने छुटकारा पाने के लिए रिश्वत की रकम शौचालय में बहा दी। हालांकि एसीबी ने भी हार नहीं मानी और सीवेज नाले में उतरकर रिश्वत की रकम का पता लगाने के बाद अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

शिकायतकर्ता, जो एक निजी संगठन में संपर्क अधिकारी के रूप में काम कर रहा था, उसको बोरीवली के एक होटल मालिक से पाइप गैस कनेक्शन और अनापत्ति प्रमाण पत्र का काम मिला। इस संबंध में उन्होंने दहिसर स्थित फायर ब्रिगेड कार्यालय के वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी प्रह्लाद शितोले से मुलाकात की। उसने होटल का निरीक्षण किया और काम पूरा करने के लिए मोबाइल और टाइपिंग के जरिए 1 लाख 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायतकर्ता के वरिष्ठों ने उसे अक्षमता दिखाई। अंतत: 60 हजार में डील हुई। इसी बीच एसीबी में शिकायत दर्ज करायी गयी।

ऐसे पकड़ा गया अधिकारी

30 अगस्त को शितोले ने कार्यालय भवन की लिफ्ट में रिश्वत स्वीकार की। हालांकि, एसीबी के जाल में फंसने का अंदेशा होने पर घबराए शिटोले तेजी से चौथी मंजिल पर स्थित घर पहुंचे और 60 हजार रुपये शौचालय में फेंककर फ्लश कर दिया। एसीबी की टीम भी शितोले के पीछे दौड़ी।

एसीबी सहायक पुलिस आयुक्त भारती मोरे, पुलिस निरीक्षक गणेश पारचाके और अमलदार ने दो प्लंबरों की मदद से सभी जल निकासी लाइनें खोलीं। तीन फीट नीचे उतरकर रिश्वत की रकम में से 57 हजार नकद ले लिए गए। शिटोले के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। ऐसे में एसीबी के उप महानिरीक्षक संदीप दीवान ने भ्रष्ट अधिकारियों से रिश्वत मांगने वालों से एसीबी के हेल्पलाइन नंबर 1064 पर संपर्क करने की अपील की है।

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