
Up Kiran, Digital Desk: फरीदाबाद से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ दो लोगों ने एक व्यक्ति को कथित तौर पर अगवा (abducted) कर और फिर खुद को पुलिसकर्मी (cops) बताकर उसके परिवार से रुपये ऐंठने (demanding money) की कोशिश की। पुलिस ने सोमवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों व्यक्ति पीड़ित के परिवार को फोन करके उन्हें यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे थे कि पीड़ित को अवैध हथियार (illegal weapon) रखने के आरोप में पकड़ा गया है और मामला 'सुलझाने' के लिए पैसे की मांग कर रहे थे।
'पुलिस' बनकर लूट का प्लान:
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राजेश (25) और दीपक (29) के रूप में हुई है। पीड़ित का भाई, ज्ञान चंद, जब अपने भाई पिंटू से संपर्क नहीं कर पाया, तो उसे कुछ संदेह हुआ। जब उसने दोबारा फोन किया, तो एक व्यक्ति ने फोन उठाया और खुद को पुलिस कांस्टेबल बताया। उसने ज्ञान चंद को सूचित किया कि उसके भाई पिंटू को एक अवैध पिस्तौल (illegal pistol) के साथ पकड़ा गया है। पैसे की मांग करते हुए, आरोपी ने ज्ञान चंद को सरस्वती कॉलोनी के एक नए पुल के पास आने को कहा, जहाँ उसे अपने भाई को छुड़ाने के लिए 8,000 रुपये देने थे।
भाई की सूझबूझ से खुला राज़:
ज्ञान चंद की सतर्कता और फरीदाबाद पुलिस (Faridabad Police) से संपर्क करने की त्वरित कार्रवाई के कारण यह पूरा मामला सामने आया। ज्ञान चंद की शिकायत के आधार पर, पुलिस ने तुरंत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की और फिर राजेश और दीपक को दबोच लिया।
आरोपियों का कबूलनामा:
पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने खुलासा किया कि वे शनिवार शाम को नया पल्ला पुल के पास घूम रहे थे जब उन्होंने पीड़ित पिंटू को अकेले देखा। पैसे की सख्त जरूरत होने के कारण, उन्होंने पिंटू को अपनी बाइक पर बिठाया, उसे सरस्वती कॉलोनी ले गए और एक कमरे में बंद कर दिया (locked him in a room)। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने पीड़ित को 'नशे' में धुत कर दिया था।
यह घटना सामूहिक अपहरण (gang abduction) और पुलिस का भेष बदलकर धोखाधड़ी (fraud by impersonating police) का एक गंभीर मामला है। पुलिस अब मामले की आगे की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गिरोह के तार किसी बड़े रैकेट से जुड़े हैं।
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