
Up Kiran, Digital Desk: क्या आने वाले त्योहारी सीजन में आपके घर खरीदने का सपना पूरा हो सकता है? देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स की संस्थाओं क्रेडाई (Credai) और नारेडको (Naredco) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से यही उम्मीद जताई है. बिल्डरों ने RBI से अपील की है कि अगली मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में कटौती की जाए, ताकि होम लोन सस्ते हो सकें और घरों की बिक्री में, खासकर सस्ते घरों (Affordable Homes) की बिक्री में तेजी आ सके.
क्यों उठी है यह मांग: दरअसल, इस साल के पहले 9 महीनों में देश के सात बड़े शहरों में घरों की बिक्री पिछले साल के मुकाबले कम रही है. इसकी एक बड़ी वजह प्रॉपर्टी की कीमतों में भारी उछाल और महंगे होम लोन हैं. बिल्डरों का मानना है कि अगर RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों को भी होम लोन की ब्याज दरें कम करनी पड़ेंगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग घर खरीदने के लिए आगे आएंगे.
बुधवार को हुई अपनी बैठक में RBI ने रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर ही बनाए रखा है. हालांकि, इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है, लेकिन बिल्डरों का कहना है कि बैंकों ने इसका पूरा फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स: क्रेडाई के नेशनल प्रेसिडेंट शेखर पटेल ने कहा, "RBI का रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला ठीक है, लेकिन हमें उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में 0.50 प्रतिशत की और कटौती की जाएगी. यह जरूरी है कि बैंक इस कटौती का फायदा नए और पुराने दोनों तरह के होम लोन ग्राहकों को दें, ताकि त्योहारी सीजन में घरों की मांग बनी रहे."
वहीं, नारेडको के नेशनल प्रेसिडेंट जी हरि बाबू ने कहा, "जिस तरह सरकार ने जीएसटी घटाकर दूसरे सेक्टरों को राहत दी , उसी तरह रियल एस्टेट सेक्टर को ऊर्जा देने के लिए रेपो रेट में कमी बहुत जरूरी है. ब्याज दरें कम होने से घर खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा और सीमेंट, स्टील, बिजली जैसे रियल एestate से जुड़े उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा."
अब सबकी निगाहें RBI की अगली बैठक पर टिकी हैं. अगर रेपो रेट में कटौती होती है, तो यह घर खरीदने का प्लान बना रहे लाखों लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी हो सकती है.