
Up Kiran, Digital Desk: भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पिछले पांच वर्षों में एक बड़ी सफलता हासिल की है। सीबीआई ने विदेशों में भागे हुए 134 भगोड़े अपराधियों और आरोपियों को देश वापस लाने में कामयाबी हासिल की है। यह आंकड़ा भारत के प्रत्यर्पण (Extradition) प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उछाल को दर्शाता है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से न्याय सुनिश्चित करने की भारत की दृढ़ता को मजबूत करता है।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारत अब गंभीर अपराधियों को, जो न्याय से बचने के लिए विदेशों में छिप जाते हैं, आसानी से छोड़ने वाला नहीं है। सीबीआई ने विभिन्न देशों के साथ मिलकर काम किया, जिसमें जटिल कानूनी और कूटनीतिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इन भगोड़ों को भारत वापस लाया गया।
न्याय की स्थापना: यह दर्शाता है कि कानून का हाथ लंबा है और अपराध करके कोई भी बच नहीं सकता, चाहे वह कहीं भी छिप जाए।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: यह विभिन्न देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बढ़ते सहयोग और विश्वास को उजागर करता है।
अपराध पर लगाम: भगोड़ों की वापसी से अपराधियों के हौसले पस्त होते हैं और सीमा पार अपराधों पर लगाम कसने में मदद मिलती है।
छवि में सुधार: यह भारत की वैश्विक अपराध से निपटने की क्षमता और उसकी कानूनी व्यवस्था की दृढ़ता को मजबूत करता है।
सीबीआई के अधिकारी इस बात पर जोर देते हैं कि भगोड़ों को वापस लाने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, जिसमें हर देश के कानूनों, संधियों और कूटनीतिक संबंधों का ध्यान रखना पड़ता है। इसमें बैंक धोखाधड़ी, आतंकवाद, हत्या, आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार जैसे विभिन्न अपराधों से जुड़े भगोड़े शामिल हैं।
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