Up Kiran, Digital Desk: आजकल हर तरफ कोचिंग सेंटरों के विज्ञापन दिखते हैं, खासकर जब इंजीनियरिंग या मेडिकल जैसे बड़े एंट्रेस एग्ज़ाम (NEET, JEE) पास आ रहे हों। लेकिन तेलंगाना के सीबीएसई स्कूलों के संगठन (CSAT) ने ऐसे कुछ विज्ञापनों को लेकर गहरी चिंता जताई है और अभिभावकों को सावधान किया है।
एसोसिएशन का कहना है कि कुछ कोचिंग संस्थान अभिभावकों और छात्रों को गुमराह करने के लिए झूठे और भ्रामक विज्ञापन दे रहे हैं। ये संस्थान दावा करते हैं कि उनका सीबीएसई स्कूलों के साथ "टाई-अप" या "समझौता" है, जिसके ज़रिए वे छात्रों को टॉप रैंक दिलाने या एग्ज़ाम पास कराने में मदद करेंगे।
हद तो तब हो जाती है जब ये विज्ञापन अपनी बात को सही दिखाने के लिए स्कूलों के नाम और यहां तक कि उनके लोगो का भी गलत इस्तेमाल करते हैं, जबकि स्कूलों ने इसकी बिल्कुल भी इजाज़त नहीं दी होती। एसोसिएशन ने साफ तौर पर कहा है कि तेलंगाना में कोई भी सीबीएसई स्कूल किसी भी कोचिंग संस्थान के साथ इस तरह का कोई भी टाई-अप नहीं रखता है जिसका मकसद सिर्फ रैंक दिलाना या एंट्रेस एग्ज़ाम की तैयारी कराना हो।
ये झूठे वादे सिर्फ धोखाधड़ी नहीं हैं, बल्कि ये उन मेहनती छात्रों और उनके अभिभावकों के भरोसे के साथ खिलवाड़ हैं जो बेहतर भविष्य के लिए सही मार्गदर्शन चाहते हैं। एसोसिएशन ने सभी अभिभावकों से ज़ोरदार अपील की है कि वे ऐसे किसी भी विज्ञापन पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। अगर किसी विज्ञापन में किसी स्कूल का नाम या लोगो दिखे और टाई-अप का दावा किया जाए, तो तुरंत उस स्कूल से सीधे संपर्क करके सच्चाई का पता लगाएं।
एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि वे ऐसे कोचिंग संस्थानों के खिलाफ ज़रूरी कदम उठा सकते हैं जो इस तरह के झूठे प्रचार करके बच्चों और अभिभावकों को बेवकूफ बना रहे हैं। उनका मुख्य लक्ष्य यही है कि छात्र और अभिभावक सही जानकारी के आधार पर फैसला लें और किसी धोखे का शिकार न हों।
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