Up Kiran, Digital Desk: बांग्लादेश के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए दो प्रमुख अखबारों में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके साथ 260 अन्य लोगों को भगोड़ा घोषित कर दिया है। यह नोटिस खासतौर पर 'जॉय बांग्ला ब्रिगेड' नामक एक ऑनलाइन समूह से जुड़ी साजिशों के संदर्भ में जारी किया गया। यह कदम उस आरोप के बाद उठाया गया है जिसमें दावा किया गया था कि इस समूह ने बांग्लादेश सरकार को अस्थिर करने और हिंसा फैलाने की योजना बनाई थी।
सीआईडी की कार्रवाई: शेख हसीना और उनके सहयोगी दोषी ठहराए गए
सीआईडी के विशेष अधीक्षक जसीम उद्दीन खान के हस्ताक्षर से प्रकाशित इस नोटिस के अनुसार, शेख हसीना और 261 अन्य व्यक्तियों पर आरोप है कि उन्होंने बांग्लादेश की वैध सरकार के खिलाफ साजिश रची। इन आरोपियों में शेख हसीना के अलावा कई अन्य बड़े नाम भी शामिल हैं। दरअसल, ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर यह नोटिस सार्वजनिक किया गया।
साथ ही, बांग्लादेश की सीआईडी ने उन आरोपियों की संपत्ति जब्त करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया है। नोटिस में इन भगोड़ों से अपील की गई है कि वे अदालत में हाजिर होकर अपनी सफाई पेश करें।
'जॉय बांग्ला ब्रिगेड' का विवाद और शेख हसीना की भूमिका
यह मामला मुख्य रूप से 19 दिसंबर 2024 की उस जूम मीटिंग से जुड़ा है, जिसमें 'जॉय बांग्ला ब्रिगेड' नामक एक समूह का गठन किया गया था। इस समूह ने बांग्लादेश की वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने और देश में सिविल वॉर भड़काने की साजिश रची थी। सीआईडी ने इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया से एकत्रित डेटा का फोरेंसिक विश्लेषण किया। आरोप है कि इस समूह के सदस्य ने हिंसा को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में एक समन्वित डिजिटल अभियान चलाया था।
भारत और जाकिर नाइक के संदर्भ में बांग्लादेश की राजनीति
इस विवाद में एक और महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब भारत ने जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक, जो 2016 में भारत छोड़कर मलेशिया में बस गए थे, अब बांग्लादेश यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं। भारत ने इस बारे में अपनी चिंता जताई और बांग्लादेश से आग्रह किया कि वे नाइक के खिलाफ कार्रवाई करें।
नाइक के खिलाफ भारत की तीखी प्रतिक्रियाओं के बावजूद, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना को भगोड़ा घोषित किया और उन पर आरोप लगाया कि वे नाइक को बचाने के लिए भारत के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। यह कदम बांग्लादेश की राजनीतिक हलचलों को और भी जटिल बना सकता है, क्योंकि हसीना के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले चल रहे हैं।
शेख हसीना का पलायन और उसके बाद की स्थिति
शेख हसीना के लिए यह राजनीति का कठिन दौर रहा है। अगस्त 2024 में हुए छात्र आंदोलन के दौरान बांग्लादेश से भागकर भारत आकर शरण लेने वाली शेख हसीना पर बांग्लादेश में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इनमें से सबसे प्रमुख आरोप जुलाई विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या से जुड़ा है। बांग्लादेश सरकार कई बार भारत से उनकी प्रत्यर्पण की मांग कर चुकी है, लेकिन भारत ने इस पर अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया है।
बांग्लादेश के खिलाफ आरोप और साजिशें
सीआईडी ने 286 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है, जिनमें शेख हसीना प्रमुख आरोपी हैं। इन आरोपियों में से 261 को अदालत के समन का जवाब न देने के कारण भगोड़ा घोषित किया गया है। कोर्ट द्वारा 31 अक्टूबर को जारी आदेश के अनुसार, इन भगोड़ों को 11 नवंबर तक अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है।
बांग्लादेश की सीआईडी और राजनीतिक नेतृत्व के बीच इस विवाद से न सिर्फ बांग्लादेश की घरेलू राजनीति प्रभावित हो रही है, बल्कि भारत-बांग्लादेश के रिश्तों पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है। जाकिर नाइक के मामले में भी बांग्लादेश सरकार का रुख भारत के साथ टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है, जिससे भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ सकता है।
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