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Up kiran,Digital Desk : दिल्ली में लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को लेकर केंद्र सरकार के संसद में दिए गए जवाब ने नई बहस को जन्म दे दिया है। सरकार ने कहा है कि ऊंचे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) और फेफड़ों की गंभीर बीमारियों के बीच सीधा संबंध साबित करने वाला कोई ठोस और निर्णायक डेटा फिलहाल उपलब्ध नहीं है।

गुरुवार को राज्यसभा में लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने यह बात कही। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वायु प्रदूषण सांस से जुड़ी बीमारियों को बढ़ाने वाला एक अहम कारण जरूर हो सकता है।

AQI और फेफड़ों की बीमारियों पर सरकार का पक्ष

यह जवाब बीजेपी सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी के सवाल पर दिया गया। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार को ऐसे शोध या मेडिकल सबूतों की जानकारी है, जिनसे यह साबित हो चुका हो कि दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय तक खतरनाक AQI के संपर्क में रहने से लोगों में लंग फाइब्रोसिस जैसी बीमारियां हो रही हैं और फेफड़ों की कार्यक्षमता घट रही है।

सांसद ने यह भी सवाल उठाया था कि क्या दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों की फेफड़ों की इलास्टिसिटी, साफ हवा वाले शहरों की तुलना में करीब 50 प्रतिशत तक कम हो चुकी है।

इन सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि इस तरह के सीधे और पक्के संबंध को साबित करने वाला कोई निर्णायक वैज्ञानिक डेटा अभी तक सामने नहीं आया है।

कमजोर वर्गों के लिए जागरूकता और ट्रेनिंग

सरकार से यह भी पूछा गया कि क्या दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को पल्मोनरी फाइब्रोसिस, COPD, एम्फीसेमा और फेफड़ों की क्षमता में लगातार हो रही कमी जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए कोई ठोस योजना है।

इस पर मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े प्रोग्राम मैनेजर, मेडिकल ऑफिसर, नर्स, नोडल ऑफिसर और आशा वर्कर्स जैसे फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। इसके अलावा महिलाओं, बच्चों, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों जैसे पेशे से अधिक प्रभावित समूहों पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों को लेकर सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) से संबंधित सामग्री हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार की गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके।

पहले से चेतावनी और सरकारी योजनाएं

कीर्ति वर्धन सिंह ने यह भी कहा कि मौसम विभाग की ओर से वायु प्रदूषण को लेकर शुरुआती चेतावनी और हवा की गुणवत्ता का पूर्वानुमान राज्यों और शहरों को भेजा जाता है, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं और आम लोग समय रहते सतर्क हो सकें।

उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का भी जिक्र किया, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराकर महिलाओं और बच्चों को प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचाना है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों, कस्बों और गांवों में साफ-सफाई और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर भी काम किया जा रहा है।

सरकार का कहना है कि ये सभी कदम मिलकर वायु प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने की दिशा में उठाए जा रहे हैं, हालांकि दिल्ली की हवा को लेकर चिंता अभी भी बनी हुई है।