
bihar politics: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के समर्थन से बिहार में जेडीयू के भीतर तूफान मच गया है। भोजपुर के कुछ मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया, इसे बीजेपी के साथ नजदीकी का सबूत बताया। नीतीश कुमार ने शनिवार को पत्रकारों के सवाल पर सिर्फ मुस्कुराकर हाथ हिलाया, कोई बयान नहीं दिया।
पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इस्तीफों को फर्जी करार देते हुए कहा कि ये बिल गरीब मुसलमानों के हित में है। उनकी जमीनें वापस दिलाएगा। विपक्षी राजद ने नीतीश पर बीजेपी के प्रभाव में आने का आरोप लगाया, चेतावनी दी कि इससे मुस्लिम वोट बैंक छिटक सकता है।
विवाद ने सवाल उठाया कि क्या ये फैसला जेडीयू को चुनावी नुकसान पहुंचाएगा। नीतीश की चुप्पी को रणनीति माना जा रहा है, लेकिन पार्टी में असंतोष साफ दिख रहा है। आने वाले दिन तय करेंगे कि यह संकट कैसे सुलझता है।
सुशासन बाबू की चुप्पी और मुस्कान ने राजनीति के इस बदलते परिप्रेक्ष्य को उजागर किया है। क्या ये चुप्पी और मुस्कान एक सियासी रणनीति का हिस्सा है या फिर सीएम बाबू ने जानबूझकर इस मुद्दे से दूरी बनाई है? उनके इस कदम ने यह स्पष्ट कर दिया कि नीतीश कुमार अब अपनी पार्टी में चल रहे असंतोष से बचने के लिए कोई भी बयान देने से कतराते हैं। उनका ये रुख इस बात का संकेत है कि वे इस विवाद में फंसने से बचने के लिए ज्यादा विवादित बयान देने से परहेज कर रहे हैं।