Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हिंदू धर्म की विविधता पर बात करते हुए कुछ ऐसी बातें कही हैं जो पूरे राज्य में बहस छेड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में हर तरह के लोगों के लिए अलग अलग भगवान हैं। शाकाहारी वाले तो एक तरफ। शराब पीने वाले दूसरी तरफ। यहां तक कि कुंवारे युवाओं के लिए भी खास देवता हैं। रेड्डी ने सवाल उठाया कि इतने सारे देवता क्यों? हर समूह का अपना अपना भगवान। यह टिप्पणी सुनते ही राजनीतिक दलों ने हल्ला मचा दिया।
दरअसल यह सब 2 दिसंबर को हैदराबाद के गांधी भवन में हुआ। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में रेड्डी बोल रहे थे। उन्होंने पार्टी की ताकत पर जोर दिया। बोले कि कांग्रेस 140 साल से इसलिए जिंदा है क्योंकि इसमें सब तरह के विचारों वाले लोग जगह पाते हैं। जैसे हिंदू धर्म में करोड़ों देवी देवता हैं। कोई वेंकटेश्वर को मानता है। कोई शिव का भक्त। अविवाहितों के लिए हनुमान। दो शादियां करने वालों के लिए अलग। शराब पसंद करने वालों के लिए भी एक। फिर येल्लम्मा पोचम्मा मैसम्मा जैसे लोक देवता। मुर्गा खाने वाले ग्रुप के लिए अलग। दाल चावल वाले के लिए और। रेड्डी ने यही उदाहरण देकर कहा कि कांग्रेस भी वैसी ही है। सबको अपनाती है। लेकिन इस तरह की बातों ने आग लगा दी।
बीजेपी का गुस्सा फूटा: माफी मांगो वरना...
अब विपक्ष ने सीएम को घेर लिया। बीजेपी ने सबसे तेज आवाज उठाई। उनके नेता चिक्कोटी प्रभु ने कहा कि रेवंत रेड्डी के शब्दों से लाखों हिंदू दुखी हैं। पूछा कि क्या कांग्रेस को शर्म नहीं आती? रेड्डी हर रैली में कहते हैं कि पार्टी मुसलमानों की वजह से चलती है। अब हिंदू देवताओं पर मजाक? तुरंत माफी दो। बयान वापस लो। इसी तरह बीआरएस ने भी निशाना साधा। कहा कि सीएम ने करोड़ों लोगों की आस्था को चोट पहुंचाई। दोनों पार्टियां माफी की मांग पर अड़ी हैं।

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