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Up kiran,Digital Desk : सरकारी नौकरी का सपना देख रहे लाखों युवाओं के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बहुत बड़ा और राहत भरा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि सिर्फ इसलिए किसी को नौकरी देने से इंकार नहीं किया जा सकता कि उसके खिलाफ कभी कोई पुलिस केस (FIR) दर्ज हुआ था, खासकर तब, जब वह उस मामले में बेगुनाह साबित होकर बाइज्जत बरी हो चुका हो.

यह अहम फैसला जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में कांस्टेबल पद पर चुने गए एक जवान की अर्जी सुनते हुए सुनाया.

क्या है पूरा मामला?

एक नौजवान ने मेहनत करके CISF कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) की भर्ती परीक्षा पास की. उसका चयन भी हो गया. लेकिन आखिरी मौके पर, CISF की स्क्रीनिंग कमेटी ने उसे नौकरी देने से मना कर दिया. वजह? उसके खिलाफ कुछ साल पहले घर में घुसने, मारपीट, महिला से बदसलूकी और धमकी देने जैसे आरोपों में FIR दर्ज हुई थी.

लेकिन कहानी में असली मोड़ यह था कि उस जवान को जनवरी 2025 में ही निचली अदालत (ट्रायल कोर्ट) ने इन सभी आरोपों से बाइज्जत बरी कर दिया था. अदालत ने अपने फैसले में साफ लिखा था कि यह सिर्फ एक "गलतफहमी" का मामला था और कोई जुर्म साबित नहीं हुआ. इसके बावजूद, CISF की कमेटी ने बरी होने के आदेश को नजरअंदाज कर दिया और सिर्फ पुरानी FIR को आधार बनाकर उसका चयन रद्द कर दिया.

हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- ‘यह तो मशीन की तरह काम करना हुआ’

  • "यह पूरी तरह से 'मशीनी' और बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला है."
  • "चयन समितियों की यह जिम्मेदारी है कि वे बरी होने के हुक्म को ध्यान से पढ़ें और यह समझें कि उस शख्स को सम्मान के साथ बरी किया गया है या सिर्फ शक का फायदा देकर छोड़ा गया है."
  • "सिर्फ एक पुराने मुकदमे की बिना पर किसी शख्स को पूरी जिंदगी सजा देना गलत है. यह हमारे संविधान के अनुच्छेद 14 (बराबरी), 15 (भेदभाव न करना) और 21 (जीने का हक) का सीधा-सीधा उल्लंघन है."

तुरंत नौकरी और पिछला वेतन देने का दिया आदेश

हाईकोर्ट ने न सिर्फ CISF के फैसले को रद्द किया, बल्कि यह भी हुक्म दिया कि उस जवान को तुरंत कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति दी जाए. इतना ही नहीं, उसे पिछले वेतन-भत्तों समेत वो तमाम फायदे भी दिए जाएं जो उसे अब तक मिल जाने चाहिए थे. यह फैसला उन हजारों युवाओं के लिए उम्मीद की एक नई किरण है, जो किसी झूठे केस में फंसने के डर से अपने सरकारी नौकरी के सपने को मरता हुआ देख रहे थे.