संसद में खड़े होकर भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में हाथ होने का इल्जाम लगाने वाले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो और कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जोली जिन्होंने इस मामले पर एक भारतीय राजनयिक को कनाडा से निकाले जाने का एलान किया था। दोनों अब रिश्तों को और ना बिगड़ने देने की बात कर रहे हैं।
बता दें कि निज्जर हत्या के मामले की जांच में सहयोग की बात तो कनाडा अभी कर रहा है लेकिन अब लहजा नरम पड़ने लगा है।
रिश्तों को और ना बिगड़ने की बात इन दोनों ने तब कही जब उनसे ब्रिटिश मीडिया में छपी इस रिपोर्ट पर सवाल पूछे गए कि भारत ने 41 कनाडाई राजनायिकों को 10 अक्टूबर तक भारत छोड़ने को कहा है।
हालांकि भारत और कनाडा दोनों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मगर आरोपों के बाद हुई पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ़ कर दिया था कि दोनों तरफ बराबर राजनायिक होने चाहिए। इस वक्त कनाडा में भारत के 20 राजनायिक हैं, 12 ओटावा में, बाकी वैंकूवर और टोरंटो में। लेकिन कनाडा के भारत में 12 दफ्तर और 62 राजनायिक हैं।
बता दें कि कनाडा में लगभग 3 लाख हिंदुस्तानी छात्र हैं और इससे भी ज्यादा वहां नौकरी करने वाले और परिवार को मिलने जाने वाले हैं जिन पर स्टाफ की कमी का असर पड़ सकता है।
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