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Sarkari Job: सरकारी नौकरी की चाहत में लोग दिन-रात एक कर देते हैं। वे लिखित परीक्षा में सफल होने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, यह मानकर कि बाकी सब ठीक हो जाएगा।

कर्नाटक सरकार के बिजली विभाग में नौकरी पाने के लिए अब न केवल कड़ी मेहनत करना जरूरी है, बल्कि खंभे पर चढ़ने का हुनर ​​भी सीखना जरूरी है- नहीं तो नौकरी का मौका हाथ से निकल सकता है।

कर्नाटक के बिजली क्षेत्र में ग्रुप डी की नौकरी पाने की चाहत रखने वालों के लिए अब सफलता की राह एक बड़ी बाधा पर टिकी है: आठ मीटर ऊंचे कंक्रीट के खंभे पर चढ़ने की शर्त को पार करना। दस में से आठ उम्मीदवार इस कार्य को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (केपीटीसीएल) और पांच बिजली आपूर्ति कंपनियों (एस्कॉम) के जरिए करीब 3,000 ग्रुप डी पदों के लिए भर्ती शुरू हो चुकी है, मगर फिटनेस टेस्ट के खुलासे ने कई लोगों को हैरानी में डाल दिया है।

2015 में, जूनियर स्टेशन अटेंडेंट (JSA) और जूनियर पावरमैन पदों के लिए पोल-क्लाइम्बिंग परीक्षा को एक शर्त के रूप में पेश किया गया था, जो आवेदकों के लिए एक बड़ी चुनौती थी। सीधी भर्ती के इस रूप ने उन उम्मीदवारों के बीच विरोध को जन्म दिया है जो कर्नाटक लोक सेवा आयोग (KPSC) या कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (KEA) द्वारा प्रशासित लिखित परीक्षाओं की वापसी की मांग कर रहे हैं।

उम्मीदवारों को निम्नलिखित परीक्षण पास करने होंगे:

पोल क्लाइम्बिंग: प्रतियोगियों को आठ मीटर ऊंचे कंक्रीट के बिजली के खंभे पर चढ़ना होगा।

दौड़ना: 14 सेकंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी करें और तीन मिनट के भीतर 800 मीटर की दौड़ पूरी करें।

कूदना: एक मिनट के भीतर 50 छलांग लगाना।

शॉट पुट: 5.4 किलोग्राम की गेंद को आठ मीटर की दूरी तक फेंकना (तीन प्रयासों के साथ)।

कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (KPTCL) के अधिकारियों के अनुसार, 80% उम्मीदवार इन शारीरिक मानकों को पूरा नहीं करते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि अधिकांश अभ्यर्थी पहले दो मीटर से आगे चढ़ने में संघर्ष करते हैं, जिसके बाद वे प्रयास छोड़ देते हैं।

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