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Up Kiran, Digital Desk: किसान हमारे देश की रीढ़ हैं, लेकिन अक्सर उन्हें कुदरत के आगे बेबस होना पड़ता है। ऐसा ही कुछ हुआ है तमिलनाडु के नागापट्टिनम जिले में काजू की खेती करने वाले किसानों के साथ।

आप जानते हैं कि काजू एक बहुत ही खास फसल है और इसकी खेती में काफी मेहनत और सही मौसम की ज़रूरत होती है। लेकिन इस बार नागापट्टिनम के काजू किसानों को बेमौसम बारिश ने बहुत बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है।

खबर के मुताबिक, इस अप्रत्याशित (यानी जिसका अनुमान न हो) और बेमौसम बारिश के कारण उनकी 50 प्रतिशत तक काजू की फसल बर्बाद हो गई है। ज़रा सोचिए, जो किसान साल भर मेहनत करके फसल तैयार करते हैं, उनकी आधी से ज़्यादा उपज अगर मौसम की मार से खराब हो जाए, तो उन पर क्या बीतेगी!

काजू के पेड़ पर जब फूल या छोटे फल आते हैं, तो उन्हें बारिश से बचाने की बहुत ज़रूरत होती है। बेमौसम बारिश इन फूलों और छोटे फलों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे वे गिर जाते हैं या खराब हो जाते हैं। इसका सीधा असर काजू की पैदावार (yield) पर पड़ता है।

किसानों का कहना है कि इस बेमौसम बारिश ने उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया है। उन्हें उम्मीद थी कि इस बार काजू की अच्छी फसल होगी और उन्हें अच्छी कमाई मिलेगी, लेकिन अब आधी फसल बर्बाद होने से वे आर्थिक रूप से बहुत परेशान हैं।

यह दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन या मौसम का अप्रत्याशित व्यवहार कैसे सीधे तौर पर हमारे किसानों की रोजी-रोटी पर असर डाल रहा है। अब इन किसानों को सरकार से मदद की उम्मीद होगी ताकि वे इस बड़े नुकसान से उबर सकें और अगली फसल की तैयारी कर सकें। यह सिर्फ काजू किसानों का मामला नहीं है, यह हमारे देश के कई किसानों की कहानी है जो अक्सर मौसम की अनिश्चितता का सामना करते हैं।

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