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भारत में हर दस साल में होने वाली जनगणना न केवल जनसंख्या की गिनती करती है, बल्कि यह सरकार को यह समझने में भी मदद करती है कि लोग किस तरह की सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं, उनका खानपान कैसा है, और उनके घरों की स्थिति क्या है। 2025 की जनगणना में नागरिकों से कई तरह की व्यक्तिगत, सामाजिक, और आर्थिक जानकारी एकत्र की जाएगी। ये सवाल देश की जनसंख्या, उनकी जीवनशैली, सामाजिक और आर्थिक स्थिति को समझने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
इस बार जनगणना में कुल 31 सवाल पूछे जाएंगे, जिनमें से कुछ प्रमुख सवाल निम्नलिखित हैं:
घर की स्थिति: घर की दीवारें, छत और फर्श किस सामग्री से बने हैं? क्या घर पक्का है या कच्चा?
सुविधाएं: घर में शौचालय की सुविधा है या नहीं? स्नानघर की स्थिति कैसी है?
खानपान: परिवार में कौन-सा आटा खाया जाता है? गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी या कुछ और?
खाना पकाने की विधि: खाना किस साधन से पकाया जाता है? गैस, लकड़ी, बायोमास या अन्य कोई स्रोत?
संचार और परिवहन: परिवार के पास मोबाइल फोन, टेलीविजन, इंटरनेट, साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल या कार जैसी सुविधाएं हैं या नहीं?
शिक्षा और रोजगार: परिवार के सदस्य कितने शिक्षित हैं? वे किस प्रकार के रोजगार में संलग्न हैं?
इन सवालों के माध्यम से सरकार यह जानने की कोशिश करेगी कि नागरिकों को किस प्रकार की सुविधाओं की आवश्यकता है और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। यह जानकारी भविष्य में विकास योजनाओं और नीतियों को आकार देने में सहायक होगी।
जनगणना के दौरान नागरिकों से यह भी अनुरोध किया जाएगा कि वे सभी सवालों का ईमानदारी से उत्तर दें, ताकि प्राप्त जानकारी सटीक और उपयोगी हो सके।
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