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Up Kiran, Digital Desk: केंद्र सरकार ने आयकर विधेयक, 2025 (Income Tax Bill, 2025) को लोकसभा से औपचारिक रूप से वापस ले लिया है।  यह विधेयक देश के छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 (Income-Tax Act, 1961) को बदलने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

11 अगस्त को आएगा संशोधित मसौदा

सरकार इस विधेयक के संशोधित संस्करण (revised version) को 11 अगस्त, 2025 को संसद में पेश करने की योजना बना रही है।यह संशोधित मसौदा लोकसभा की चयनित समिति (Select Committee) द्वारा की गई सिफारिशों (recommendations) को शामिल करेगा, जिसका नेतृत्व भाजपा सांसद बैजयंत पांडा (Baijayant Panda) कर रहे थे। समिति ने मूल मसौदे की गहन समीक्षा की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरलीकरण (simplification) से ऐसी शब्दावली न बने जिसके कई अर्थ निकाले जा सकें।

सरलीकरण पर ज़ोर, पर safegurds के साथ

आयकर विधेयक, 2025 का मुख्य उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना (simplify tax laws), शब्दावली को सुव्यवस्थित करना (simplify language), और निरर्थक प्रावधानों को हटाना (remove redundant provisions) है। इसका लक्ष्य व्याख्या-संबंधी विवादों (interpretation-related disputes) को कम करना और कर की विभिन्न अवधारणाओं (taxation concepts) में अधिक संरचनात्मक सामंजस्य (structural cohesion) लाना है।

संभावित बदलाव और चिंताओं का समाधान

संशोधित विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल होने की उम्मीद है। मूल मसौदे में लगभग 500,000 शब्दों को घटाकर लगभग 260,000 करने का प्रस्ताव था, और यह उम्मीद है कि संशोधित विधेयक में अस्पष्टता (ambiguity) से बचने के लिए कुछ अतिरिक्त प्रावधान भी जोड़े जाएंगे।

विशेष रूप से, तलाशी और जब्ती (search and seizure) से संबंधित प्रावधानों पर ध्यान दिया जाएगा, खासकर कर अधिकारियों को कंप्यूटर और डिजिटल सिस्टम तक पहुंचने (access computers and digital systems) की अनुमति देने वाले प्रावधान पर, जो गैर-सहयोगी करदाताओं (non-cooperative assessees) के मामलों में उनके एक्सेस कोड को ओवरराइड (overriding access code) कर सकते हैं। यह कुछ पेशेवरों के बीच चिंता का विषय था।

इसके अतिरिक्त, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (virtual digital assets) की परिभाषा में भी विस्तार किया गया है।