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आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। उनकी नीतियां आज भी जीवन के अलग अलग पहलुओं पर मार्गदर्शन करती हैं। उनकी प्रसिद्ध कृति 'चाणक्य नीति' में व्यवसायिक और व्यक्तिगत जीवन को सफलता से जीने के लिए कई अहम बातें बताई गई हैं। इसी नीतिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए भी कुछ विशेष मंत्र दिए हैं। उन्होंने चार ऐसे कार्यों का जिक्र किया है जो हर विवाहित जोड़े को रात को सोने से पहले अवश्य करने चाहिए। इन आदतों को अपनाने से रिश्ते में प्रेम बढ़ता है।

पहला काम

आचार्य चाणक्य के अनुसार, पति और पत्नी को यथासंभव एक साथ भोजन करना चाहिए। उनका मानना था कि जब जोड़ा मिलकर भोजन करता है, तो इससे एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना बढ़ती है। ये साथ बिताया हुआ वक्त आपसी जुड़ाव को मजबूत करता है और रिश्तों में मधुरता लाता है।

दूसरा काम

दिनभर की भागदौड़ और व्यस्तता के बाद रात का समय पति-पत्नी के लिए एक-दूसरे से जुड़ने का अहम मौका होता है। चाणक्य सुझाव देते हैं कि सोने से पहले जोड़े को शांति से बातचीत करनी चाहिए। इस दौरान वे एक-दूसरे के दिनभर के अनुभवों, सुख-दुख और विचारों को साझा कर सकते हैं। ऐसी बातचीत रिश्तों को गहराई देती है और आपसी समझ को बढ़ाती है।

तीसरा काम

चाणक्य नीति कहती है कि पति के लिए अपनी पत्नी की बातों को ध्यान से सुनना अत्यंत लाभकारी होता है। वे मानते थे कि पत्नी की समस्याओं का समाधान करना पति की जिम्मेदारी है। यदि पति अपनी पत्नी की बातों को अनदेखा करता है या लापरवाही दिखाता है, तो इसका बुरा असर उनके रिश्ते पर पड़ सकता है और दूरियां आ सकती हैं।

चौथा काम

कमरे में प्रवेश करने के बाद आचार्य चाणक्य पति और पत्नी को एक-दूसरे को गले लगाने की सलाह देते हैं। उनका मानना था कि गले लगने से एक-दूसरे के प्रति आत्मीयता, स्नेह और प्रेम की भावना बढ़ती है। यह शारीरिक स्पर्श भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करता है और रात को शांतिपूर्ण नींद में सहायक होता है।