
Up Kiran, Digital Desk: बिहार में आपराधिक गिरोहों की बढ़ती गतिविधियों ने एक बार फिर आम जनता की चिंता बढ़ा दी है। ताजा मामला कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की हत्या से जुड़ा है, जिसमें शामिल अपराधियों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार सुबह हुए एक एनकाउंटर में दो संदिग्धों को गोली लगी, जबकि तीसरे को गिरफ्तार कर लिया गया। यह मुठभेड़ आम लोगों के बीच कानून-व्यवस्था को लेकर उठते सवालों के बीच सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
यह कार्रवाई बिहार की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और भोजपुर पुलिस की संयुक्त रणनीति का परिणाम थी, जो मंगलवार तड़के आरा के बिहिया इलाके में कटिया रोड के पास शुरू हुई। सुबह करीब 5 बजे जब पुलिस टीम ने संदिग्धों को घेरकर आत्मसमर्पण की चेतावनी दी, तो उन्होंने जवाब में गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने भी पलटवार किया, जिसमें दो आरोपियों बलवंत कुमार सिंह और रविरंजन कुमार सिंह को गोली लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, तीसरे साथी अभिषेक कुमार को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
इन तीनों पर 17 जुलाई को पारस अस्पताल परिसर में कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या में शामिल होने का आरोप है। पुलिस को घटनास्थल से देसी हथियार, दो पिस्टल, मैगजीन और कारतूस भी मिले हैं, जो गैंगस्टर गतिविधियों में इनकी संलिप्तता की पुष्टि करते हैं।
पिछले हफ्ते अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में पांच अपराधी देखे गए थे, जिनमें से बलवंत और अभिषेक की पहचान हो चुकी है। मुठभेड़ के दौरान बलवंत घायल हो गया जबकि अभिषेक को हिरासत में ले लिया गया है। रविरंजन की भूमिका की भी पुलिस पड़ताल कर रही है।
यह मामला सिर्फ एक हत्या का नहीं, बल्कि बिहार के आपराधिक तंत्र के भीतर चल रही गैंगवार की कहानी बयां करता है। चंदन मिश्रा, जो पहले से कई संगीन मामलों में दोषी था, भागलपुर जेल से इलाज के लिए लाया गया था। सुरक्षा घेरे में होने के बावजूद अस्पताल के अंदर उसे सरेआम गोली मार दी गई, जिससे जेल सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं।
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