Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश की राजधानी विजयवाड़ा एक महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजन का गवाह बनने जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू 18 जुलाई को ग्रीन हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन (Green Hydrogen Summit) का उद्घाटन करेंगे। यह आयोजन हरित ऊर्जा और सतत विकास के क्षेत्र में आंध्र प्रदेश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है, क्योंकि यह रिन्यूएबल ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर और पवन ऊर्जा) का उपयोग करके पानी को इलेक्ट्रोलाइज करके उत्पादित किया जाता है और इसके उत्पादन से शून्य कार्बन उत्सर्जन होता है। यह जलवायु परिवर्तन से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान प्रस्तुत करता है।
हरित ऊर्जा को बढ़ावा: यह शिखर सम्मेलन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और उपयोग के क्षेत्र में नवाचारों और अवसरों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
निवेश आकर्षित करना: यह आयोजन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को आंध्र प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में निवेश के लिए आकर्षित करने का एक मंच होगा।
विशेषज्ञों का जुटान: इसमें उद्योग विशेषज्ञ, नीति निर्माता, शोधकर्ता और हितधारक एक साथ आएंगे ताकि इस उभरते क्षेत्र में चुनौतियों और समाधानों पर चर्चा की जा सके।
रोजगार के अवसर: ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में निवेश से नए उद्योगों का विकास होगा, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का उद्घाटन करना इस बात पर जोर देता है कि राज्य सरकार ग्रीन हाइड्रोजन को अपनी ऊर्जा रणनीति में एक प्रमुख स्तंभ के रूप में देख रही है। आंध्र प्रदेश में रिन्यूएबल ऊर्जा संसाधनों की प्रचुरता है, जो इसे ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।
यह शिखर सम्मेलन आंध्र प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा और देश के ग्रीन हाइड्रोजन मिशन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह न केवल राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भी सहयोग करेगा।
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