
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय रेलवे, जो कभी अपनी पारंपरिक कार्यप्रणाली के लिए जाना जाता था, अब डिजिटल क्रांति के साथ तेजी से बदल रहा है। आज, रेलवे में सिर्फ ट्रैक बिछाने या टिकट बेचने तक ही काम सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल कौशल अब यहां करियर के नए और रोमांचक अवसर पैदा कर रहा है। यह युवाओं के लिए रेलवे में नौकरी पाने और आगे बढ़ने का एक नया रास्ता खोल रहा है।
रेलवे में डिजिटल कौशल की बढ़ती भूमिका:
डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): रेलवे अब बड़े पैमाने पर डेटा एकत्र करता है - ट्रेनों के संचालन, टिकट बिक्री, रखरखाव, सुरक्षा और ग्राहक प्रतिक्रिया से संबंधित डेटा। डेटा एनालिस्ट और AI विशेषज्ञ इस डेटा का विश्लेषण करके परिचालन दक्षता बढ़ाने, सुरक्षा में सुधार करने और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
साइबर सुरक्षा: जैसे-जैसे रेलवे सिस्टम अधिक डिजिटल होते जा रहे हैं, साइबर खतरों से बचाव के लिए साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। रेलवे के महत्वपूर्ण नेटवर्क और डेटा को सुरक्षित रखना इनकी जिम्मेदारी होती है।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और आईटी: टिकटिंग सिस्टम से लेकर फ्रेट मैनेजमेंट, कर्मचारी प्रबंधन और सिग्नलिंग तक, रेलवे के हर पहलू में सॉफ्टवेयर और आईटी समाधानों की आवश्यकता होती है। सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और आईटी पेशेवरों की यहाँ भारी मांग है।
डिजिटल मार्केटिंग और संचार: यात्रियों को जानकारी प्रदान करने, सेवाओं का प्रचार करने और डिजिटल माध्यमों से जुड़ने के लिए रेलवे को डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञों की भी आवश्यकता होती है।
रिमोट मॉनिटरिंग और IoT: इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) सेंसर का उपयोग करके ट्रेनों, पटरियों और उपकरणों की दूर से निगरानी की जा रही है, जिससे रखरखाव में दक्षता आती है और ब्रेकडाउन को रोका जा सकता है। IoT विशेषज्ञों की यहाँ आवश्यकता है।
युवाओं के लिए अवसर:
युवा जो डिजिटल कौशल जैसे प्रोग्रामिंग, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग और वेब डेवलपमेंट में निपुण हैं, उनके लिए भारतीय रेलवे में करियर के बेहतरीन अवसर हैं। रेलवे लगातार इन क्षेत्रों में भर्ती कर रहा है और अपने कर्मचारियों को भी डिजिटल कौशल में प्रशिक्षित कर रहा है।
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