मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ यहां इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। मगर ये राज्य बीते कई सालों में एक रीजन की वजह से काफी चर्चा में रहे। कारण था राज्य में नौकरी को लेकर हो रहे स्कैम। फिर चाहे वह रेलवे भर्ती हो या फिर वन विभाग भर्ती में होने वाली ठगी या फिर अभी कथित तौर पर हुआ पटवारी भर्ती घोटाला।
इन घोटालों ने काफी सुर्खियां बटोरी है, लेकिन जॉब स्कैम की वजह से राज्य के युवा काफी ज्यादा नाराज हैं। किसी भी चुनाव में युवाओं का रोल काफी ज्यादा इम्पॉर्टेंट होता है। तो आज हम बात करेंगे कि कांग्रेस हो या बीजेपी इन राज्यों के युवाओं को कैसे साथ लेकर आएंगे। उनके सामने क्या क्या बड़े बड़े चैलेंजेस हैं।
इस साल राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। लेकिन इन राज्यों के युवा सरकार से काफी ज्यादा नाराज हैं। नाराजगी की वजह है सरकारी नौकरी में हो रही ठगी। किसी भी सरकारी नौकरी के लिए लोग सालों साल तैयारी करते हैं, तब जाकर उनका नाम सेलेक्शन लिस्ट में आ पाता है। उनमें से कई स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जो लास्ट अटेम्प्ट तक तैयारी करते हैं, लेकिन उसके बाद भी उनका नाम सेलेक्शन लिस्ट में नहीं आ पाता है। ऐसे में अगर कोई एग्जाम लीक हो जाए या फिर कोई ठगी करके अपना पोजिशन सिक्योर करे तो वो स्टूडेंट्स जिन्होंने दिन रात मेहनत की है वह नाराज तो होंगे ही और ऐसा ही राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भी हो रहा है।
राजस्थान में पिछले कुछ सालों में कई कथिततौर पर नौकरी घोटाले सामने आए हैं। फिर चाहे वह तकनीकी सहायक भर्ती घोटाला हो या फिर आयुष नर्स कंपाउंडर भर्ती घोटाला। छत्तीसगढ़ की बात करें तो वहां पर भी वन विभाग में भर्ती घोटाले की बात कही गई है। वहीं अगर हम मध्यप्रदेश की बात करें तो वहां पर भी पटवारी भर्ती घोटाला काफी ज्यादा चर्चा में आया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो इस परीक्षा में 10 में से सात टॉपर एक ही एग्जामिनेशन सेंटर के हैं।
सरकार पर छात्रों का क्या है आरोप
स्टूडेंट्स का आरोप है कि इस एग्जाम में कथित तौर पर घोटाला हुआ है। अब बात करते हैं वहां के युवा वोटर्स की तो एबीपी की रिपोर्ट की मानें तो मध्यप्रदेश में पिछले एक साल में लाखों बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है। राज्य के हालात ऐसे हैं कि वहां पर 24,70,000 बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं। वहीं अगर यंग वोटर की बात करें तो इस बार ऑलमोस्ट 13 लाख से ज्यादा फर्स्ट टाइम वोटर लिस्ट में शामिल हुए हैं। वहीं अगर हम बात राजस्थान की करें तो वहां पर जितने पेपर लीक और जॉब हुए हैं उससे 20 लाख से ज्यादा युवा प्रभावित हुए हैं और नए वोटर्स की बात करें तो उनकी संख्या में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
वहीं अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो वहां पर 10 लाख से ज्यादा नए वोटर्स हैं। वो लिस्ट में ऐड हुए हैं तो पिछले पांच सालों में इन राज्यों में लाखों युवा नौकरी को लेकर काफी ज्यादा परेशान रहे हैं। हालांकि सरकार ने ये दावे जरूर किए कि उन्होंने युवाओं के हित में सोचकर ही कई फैसले लिए और ऐसे दावे भूपेश बघेल की सरकार हो या फिर शिवराज सिंह चौहान की सरकार या फिर अशोक गहलोत की सरकार की सरकार ने लिए, लेकिन युवाओं तक उन दावों का लाभ पहुंचा के भी यह काफी ज्यादा इंपॉर्टेंट होगा।
अब देखना यह होगा कि जो सत्ताधारी सरकार है वह इन युवाओं को अपनी साइड कैसे लेकर आते हैं। वैसे तो नौकरी को लेकर बड़े बड़े दावे किए जाते हैं। अब देखना यह होगा कि क्या युवा उन दावों से कन्विंस हो पाएंगे।
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