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Naxals: छत्तीसगढ़ में बीते कल को पुलिस बलों के साथ मुठभेड़ में 30 नक्सली मारे गए। मुठभेड़ नक्सली गतिविधियों के लिए मशहूर एक सुदूर इलाके में हुई। अफसरों ने बताया है कि कई नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, साथ ही भारी मात्रा में स्वचालित हथियार भी बरामद किए गए हैं।

पुलिस अफसरों ने कहा है कि वे क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा नक्सलियों की शेष उपस्थिति के बारे में और अधिक खुफिया जानकारी जुटाने के लिए अभियान जारी रखे हुए हैं।

जांच के बाद मुठभेड़ की परिस्थितियों और मृतक नक्सलियों की पहचान के बारे में और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है। यह घटना राज्य में सक्रिय चरमपंथी समूहों से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित करती है।

इससे पहले बुधवार को भारतीय सुरक्षा बलों ने सुकमा जिले में एक अस्थायी माओवादी शिविर को नष्ट कर दिया और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा जब्त किया। ये मुठभेड़ चिंतागुफा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में चिंतावागु नदी के पास हुई, जहां माओवादियों ने एक अस्थायी ठिकाना बना रखा था। संयुक्त अभियान के तहत सुरक्षा बलों ने शिविर पर हमला किया, जिसके बाद एक संक्षिप्त लेकिन भीषण गोलीबारी हुई। अफसरों ने पुष्टि की कि माओवादी शिविर पूरी तरह से नष्ट हो गया और घटनास्थल से भारी मात्रा में विस्फोटक और सामग्री बरामद की गई।

पड़ोसी बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने हाल ही में विभिन्न उग्रवाद-संबंधी गतिविधियों में शामिल सात माओवादी विद्रोहियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारियाँ चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के हिस्से के रूप में की गईं, जिसके तहत क्षेत्र में अभियान में तेज़ी देखी गई है। ये गिरफ़्तारियाँ 29 सितंबर को नेलोनार और मिरतुर पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में जिला बल द्वारा नियमित गश्त अभियान के बाद की गईं।

छत्तीसगढ़, खास तौर पर इसका बस्तर संभाग कई सालों से माओवादी गतिविधियों का केंद्र रहा है, जहां उग्रवादी अक्सर सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाते हैं। स्थानीय पुलिस बलों, अर्धसैनिक इकाइयों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच बढ़ते समन्वय से राज्य के चल रहे उग्रवाद विरोधी प्रयासों को बल मिल रहा है।

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