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Up Kiran, Digital Desk: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल ने अपनी 56वीं बैठक में टैक्स ढांचे में एक बड़ा बदलाव करते हुए इसे मुख्य रूप से दो-दर वाली प्रणाली में बदलने का फैसला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि नए जीएसटी स्लैब आम आदमी के लिए कैसे फायदेमंद होंगे, और इस कदम का कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम सहित कई नेताओं ने स्वागत किया है।

जीएसटी काउंसिल ने अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाते हुए 5%, 12%, 18% और 28% की चार-स्तरीय संरचना से बदलकर 5% और 18% की दो-स्तरीय संरचना में बदल दिया है। इसके अलावा, सिन गुड्स (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुएं) और लग्जरी आइटम्स के लिए 40% का एक अतिरिक्त स्लैब भी पेश किया गया है।

बुधवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में, पूर्व वित्त मंत्री और राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने केंद्र के हालिया जीएसटी सुधार और दरों में कटौती का स्वागत तो किया, लेकिन इस फैसले में हुई आठ साल की देरी पर सवाल भी उठाए।

उन्होंने X पर लिखा, "जीएसटी को तर्कसंगत बनाना और कई वस्तुओं एवं सेवाओं पर दरों में कमी का स्वागत है, लेकिन यह 8 साल बहुत देर से हुआ। जीएसटी का मौजूदा डिज़ाइन और आज तक प्रचलित दरें तो पहले लागू ही नहीं की जानी चाहिए थीं। हम पिछले 8 सालों से जीएसटी के डिजाइन और दरों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, लेकिन हमारी दलीलों को अनसुना कर दिया गया।"

इस तरह चिदंबरम ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए भी यह जता दिया कि अगर यह कदम पहले उठाया जाता, तो जनता को महंगाई से और राहत मिल सकती थी।

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