pakistani plan: नेवी प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने आज कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर में युद्धपोतों, अनुसंधान जहाजों और उपग्रह ट्रैकिंग जहाजों समेत चीनी जहाजों की आवाजाही पर बारीकी से नजर रख रही है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए एडमिरल त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश के जहाज अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में काम करने के लिए स्वतंत्र हैं, मगर भारतीय नौसेना सुनिश्चित करती है कि वह उनकी गतिविधियों से अवगत रहे। उन्होंने पाकिस्तानी नौसेना के लिए चीन के स्पष्ट समर्थन पर प्रकाश डाला, जो 50 जहाजों वाली सेना बनने की आकांक्षा रखती है, जिसमें बीजिंग जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण में सहायता कर रहा है।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने अपने लोगों के कल्याण की बजाय हथियारों को चुना है। उन्हें शुभकामनाएं।"
चीन द्वारा पाकिस्तानी नौसेना के लिए बनाए जा रहे आठ पनडुब्बियों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनमें महत्वपूर्ण युद्ध क्षमता होगी और भारतीय नौसेना उनसे मुकाबला करने की क्षमता हासिल करना चाहती है।
तो वहीं एडमिरल त्रिपाठी ने अंडमान द्वीप समूह में चल रहे बुनियादी ढांचे के उन्नयन का जिक्र किया और 31 प्रीडेटर ड्रोन के लिए एक अमेरिकी फर्म के साथ समझौते पर हस्ताक्षर की पुष्टि की, जिनमें से 15 नौसेना को आवंटित किए जाएंगे।
भारतीय युद्धपोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र में लगी आग पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने इस घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और बताया कि एक जांच बोर्ड वर्तमान में मामले की जांच कर रहा है।
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