
Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने हाल ही में इस बात पर ज़ोर दिया है कि नैनो यूरिया ने भारत के कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला दिया है। उन्होंने कहा कि इस नई तकनीक ने 'क्रांति' लाते हुए, रासायनिक उर्वरकों के पारंपरिक और बड़े पैमाने पर होने वाले उपयोग को काफी कम किया है।
मंडाविया के अनुसार, नैनो यूरिया के आने से किसानों को एक प्रभावी और सुविधाजनक विकल्प मिला है, जिससे वे कम मात्रा में उर्वरक का उपयोग करके भी अपनी फसलों की उपज और गुणवत्ता बनाए रख सकते हैं। यह बदलाव न केवल खेती की लागत को कम करने में सहायक है, बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर रासायनिक उर्वरकों के नकारात्मक प्रभाव को भी कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उनका बयान नैनो यूरिया की सफलता और भारतीय कृषि में इसके बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करता है। यह रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने और अधिक टिकाऊ (sustainable) कृषि पद्धतियों को अपनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का भी संकेत है। मंडाविया का मानना है कि नैनो यूरिया जैसी तकनीकें कृषि क्षेत्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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