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टनकपुर/नई दिल्ली: पवित्र कैलास मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार यात्रा कुछ महंगी साबित हो सकती है। इसके पीछे मुख्य कारण है चीन द्वारा यात्रा से संबंधित शुल्क में की गई वृद्धि। इसके चलते न सिर्फ यात्रा पैकेज की कीमतें बढ़ेंगी, बल्कि व्यवस्था में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, चीन ने इस धार्मिक यात्रा के लिए कई नई शर्तें और शुल्क निर्धारित किए हैं, जिसमें परमिट फीस, प्रवेश शुल्क और अन्य सेवाओं का खर्च शामिल है। इससे यात्रा पर प्रति यात्री अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

वहीं दूसरी ओर, भारत सरकार और उत्तराखंड प्रशासन की ओर से यात्रा मार्ग में एक नया बदलाव भी सामने आया है। इस वर्ष श्रद्धालुओं को टनकपुर के रास्ते से कैलास मानसरोवर की यात्रा करने का विकल्प मिलेगा। पहले इस यात्रा के लिए मुख्य रूप से लिपुलेख और नाथू ला पास का उपयोग होता था, लेकिन अब टनकपुर को भी एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित किया जा रहा है।

टनकपुर से यात्रा करने वालों के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) आवश्यक सुविधाएं और ठहरने की व्यवस्थाएं तैयार कर रहा है। साथ ही, यात्रियों की मेडिकल जांच और हाई एल्टीट्यूड में चलने की विशेष ट्रेनिंग भी अनिवार्य की गई है।

ज्ञात हो कि कैलास मानसरोवर यात्रा हर साल जून से सितंबर के बीच आयोजित होती है और यह तीर्थयात्रा हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखती है।

अब जब यात्रा खर्च में इजाफा हुआ है, तो श्रद्धालुओं को पहले से तैयारी और बजट बनाकर ही योजना बनानी होगी।
 

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