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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। कलेक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे शिकायतकर्ताओं (petitioners) की समस्याओं का 'गुणवत्तापूर्ण निवारण' (quality grievance redressal) सुनिश्चित करें। यह आदेश इस बात पर जोर देता है कि सिर्फ शिकायतें सुनना ही काफी नहीं, बल्कि उनका प्रभावी और संतोषजनक समाधान निकालना भी ज़रूरी है।

कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा है कि वे अपनी ड्यूटी में किसी भी तरह की 'उदासीनता या लापरवाही' न बरतें। उनका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि नागरिक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जब सरकारी दफ्तरों में आएं, तो उन्हें बार-बार चक्कर न लगाने पड़ें और उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए।

यह निर्देश शायद इस बात का भी संकेत है कि कुछ मामलों में शिकायत निवारण की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं रही होगी। कलेक्टर का लक्ष्य है कि प्रशासन नागरिकों के प्रति अधिक संवेदनशील और जवाबदेह बने।

इस पहल से नागरिकों का सरकारी तंत्र में विश्वास बढ़ने की उम्मीद है। जब लोगों को पता होगा कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से सुना जाएगा और उन पर उचित कार्रवाई होगी, तो वे अपनी समस्याओं को उठाने में हिचकिचाएंगे नहीं।

कलेक्टर का यह कदम प्रशासन में पारदर्शिता लाने, दक्षता बढ़ाने और जन-केंद्रित शासन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह सुनिश्चित करेगा कि हर शिकायतकर्ता को उचित न्याय मिले और सरकारी सेवाएं सभी के लिए सुलभ और प्रभावी हों।

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