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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Gen Upendra Dwivedi) ने एक अनुकरणीय पहल करते हुए, अपनी पत्नी के साथ मिलकर, मृत्यु के बाद अपने अंगों को दान (donate their organs after death) करने का संकल्प लिया है। उन्होंने राष्ट्रव्यापी स्तर पर लोगों से इस 'महादान' (great donation) में शामिल होने की अपील की है, ताकि जरूरतमंदों को जीवनदान मिल सके।

प्रेरणा और संकल्प:

सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी और उनकी पत्नी ने 'ऑर्गन डोनेशन' (organ donation) के महत्व को समझाते हुए, समाज में जागरूकता फैलाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्य के माध्यम से दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की आशा व्यक्त की है। उनका यह संकल्प न केवल उनके परोपकारी स्वभाव (altruistic nature) को दर्शाता है, बल्कि यह समाज को अंगदान के प्रति जागरूक (aware of organ donation) करने की एक शक्तिशाली प्रेरणा भी देता है।

क्यों महत्वपूर्ण है अंगदान?

अंगदान एक ऐसा कार्य है जो मृत्यु के बाद भी किसी के जीवन में आशा की किरण जगा सकता है। कई लोग अंगों की कमी (organ deficiency) के कारण गंभीर बीमारियों से जूझते हैं और उन्हें एक नए जीवन की उम्मीद अंगदान से ही होती है। सेना प्रमुख की यह पहल अंगदान की महत्ता को उजागर करती है और लोगों को इस नेक काम के लिए प्रेरित करती है।

राष्ट्र से अपील:

जनरल द्विवेदी और उनकी पत्नी ने देश के नागरिकों से अंगदान के इस महत्वपूर्ण कार्य में भाग लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा अवसर है जहाँ हम मृत्यु के बाद भी दूसरों के जीवन में प्रकाश फैला सकते हैं (spread light in others' lives even after death)।

यह पहल न केवल सेना के सेवा भाव (spirit of service) को दर्शाती है, बल्कि समाज में मानवीय मूल्यों (human values) और सहानुभूति (empathy) को भी बढ़ावा देती है।

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