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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को राजनीतिक सलाह दी। यह सलाह खासतौर पर बिहार विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी द्वारा एक भी सीट न जीतने के बाद दी गई। फडणवीस ने किशोर को एक महत्वपूर्ण व्यावहारिक राजनीति का पाठ पढ़ाया, जो चुनावी रणनीतियों और लोकतंत्र के सशक्त संचालन पर आधारित था।

मुख्यमंत्री ने कहा, "राजनीति में दो तरीके होते हैं... या तो विचारधारा के माध्यम से, या फिर संख्याओं के जरिए। लेकिन बिना संख्याओं के विचारधारा को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।" उनका यह बयान सीधा बिहार चुनाव में जन सुराज की हार से जुड़ा था, जिसमें पार्टी ने 243 में से एक भी सीट नहीं जीती।

फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राजनीति केवल आदर्शों और विचारों पर आधारित नहीं होती, बल्कि यह जमीन पर जन समर्थन और मजबूत संख्या से जुड़ी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी विचारधारा के साथ प्रतिनिधित्व नहीं मिलता, तो वह विचारधारा खुद को साबित नहीं कर सकती।

बिहार चुनाव 2025 में क्या हुआ?

जन सुराज पार्टी ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 238 पर चुनाव लड़ा, लेकिन किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं की। यह हार प्रशांत किशोर के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई। हार के बाद, किशोर ने बिहार को बदलने के अपने प्रयासों को और तेज करने का संकल्प लिया और 20 नवंबर को गांधी भितिहरवा आश्रम में एक दिन के मौन उपवास का ऐलान किया।

इस चुनाव में एनडीए (नैतिक लोकतांत्रिक गठबंधन) ने 202 सीटें जीतकर एक बार फिर से सत्ता पर कब्जा जमाया। भाजपा ने 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि जेडी(यू) ने 85 सीटों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। विपक्षी महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटें मिलीं, जो उनकी उम्मीदों से कहीं कम थी।

महाराष्ट्र के निकाय चुनाव पर फडणवीस का बयान

इस कार्यक्रम के दौरान, फडणवीस ने महाराष्ट्र में आगामी नगर निकाय चुनावों को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने बताया कि भाजपा इस बार 35 वर्ष से कम आयु के उम्मीदवारों को कम से कम 40% टिकट देने की योजना बना रही है। यह फैसला युवा नेताओं को मौका देने के उद्देश्य से लिया गया है। फडणवीस का यह कदम यह दर्शाता है कि भाजपा अपने युवाओं को राजनीति में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देने का प्रयास कर रही है।