
Up Kiran, Digital Desk: एसपीडीसी एल (SPDCL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (CMD) के. संथाना राव ने तिरुपति में स्मार्ट मीटर को लेकर फैले डर और आशंकाओं को निराधार बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर सुरक्षित और कुशल हैं तथा इनसे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। हाल ही में चित्तूर जिले में कुछ विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्होंने यह बात कही।
राव ने दोहराया कि स्मार्ट मीटर का उद्देश्य किसी भी उपभोक्ता पर अतिरिक्त बोझ डालना नहीं है, बल्कि बिजली वितरण में पारदर्शिता और दक्षता लाना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों के लिए 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और नुकसान को कम करने के लिए स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य किया है। स्मार्ट मीटर की स्थापना की लागत भी सरकार वहन कर रही है, उपभोक्ताओं को इसके लिए भुगतान नहीं करना होगा।
उन्होंने उन दावों का खंडन किया कि स्मार्ट मीटर के कारण बिल बढ़ जाएंगे। राव ने बताया कि बिल पूरी तरह से वास्तविक खपत पर आधारित होंगे और मीटर रीडिंग में किसी भी मानवीय त्रुटि की कोई गुंजाइश नहीं होगी। उन्होंने प्रीपेड मीटर को मोबाइल फोन रिचार्ज करने जितना सुविधाजनक बताया, जिससे उपभोक्ता अपनी खपत के अनुसार रिचार्ज कर सकेंगे।
उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि परीक्षणों के दौरान कोई तकनीकी समस्या नहीं पाई गई है। उपभोक्ता एक समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अपनी बिजली खपत की निगरानी भी कर सकते हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो जाएगी।
सीएमडी ने जोर देकर कहा कि स्मार्ट मीटर का लक्ष्य बिजली वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाना, नुकसान को कम करना और सभी उपभोक्ताओं के लिए 24 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। यह प्रणाली बिलिंग में सटीकता लाएगी और उपभोक्ताओं को उनकी खपत का बेहतर नियंत्रण प्रदान करेगी।
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