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Up Kiran, Digital Desk: तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंज प्यारे साहिबानों द्वारा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को वेतनभोगी घोषित करने के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इसे पंथ में भ्रम पैदा करने वाली कार्रवाई करार दिया है।
एडवोकेट धामी ने कहा कि खालसा पंथ की परंपराएं और रीति-रिवाज कौम के मुद्दों से निपटने के लिए हैं, न कि राष्ट्रीय संकट पैदा करने के लिए। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को नजरअंदाज करना उचित नहीं है और इस तरह के व्यवहार से कौम के भीतर आत्ममुग्धता का माहौल पैदा होगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि तख्त श्री पटना साहिब का सिख जगत में बहुत सम्मान है, लेकिन पंथिक मामलों पर विचार करने का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को है। एडवोकेट धामी ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के नेतृत्व में पांच सिंह साहिबानों द्वारा एक साथ बैठकर किसी भी पंथिक मामले पर फैसला लेने की लंबी ऐतिहासिक परंपरा रही है। यह परंपरा सिख कौम को दुनिया में ऊंचा उठाती है। उन्होंने कहा कि यदि श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को अन्य तख्त साहिबानों से चुनौती मिलने लगे तो इसे सिख परंपराओं की मौलिकता और समृद्धि के अपमान से कम नहीं माना जा सकता।
उन्होंने कहा कि मौजूदा मामले के संबंध में हमें एक साथ बैठकर समाधान की ओर बढ़ना चाहिए, ताकि कौम के भीतर दिख रहे टकराव की बजाय सिख शक्ति का इस्तेमाल राष्ट्रीय हितों, कौम की उन्नति और सिख प्रचार के लिए किया जा सके।
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