
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के हिसार में एक रैली को संबोधित करते हुए बड़ा राजनीतिक संदेश दिया। उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को "सेक्युलर सिविल कोड" करार देते हुए इसे संविधान की भावना बताया और कहा कि यह सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की बात करता है। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर इस मुद्दे को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि "कांग्रेस ने कभी UCC लागू करने की हिम्मत नहीं दिखाई, जबकि उत्तराखंड में बीजेपी सरकार ने इसे प्रभावी तरीके से लागू कर दिखाया है।"
सेक्युलर सिविल कोड लागू किया गया
प्रधानमंत्री ने कहा कि "डंके की चोट पर उत्तराखंड में सेक्युलर सिविल कोड लागू किया गया। लेकिन दुर्भाग्य है कि कुछ लोग, जिनके हाथों में संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी है, वे ही उसे जेब में रखकर बैठ गए हैं।" उन्होंने इसे देश के लिए एक जरूरी कदम बताया और कांग्रेस पर संविधान विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरक्षण नीति को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि "संविधान में एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था, लेकिन कांग्रेस ने इस सामाजिक न्याय की नीति का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए तुष्टिकरण में बदल दिया।"
धर्म के आधार पर आरक्षण दिया
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने टेंडर प्रक्रिया में भी धर्म के आधार पर आरक्षण दिया, जो संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि "बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में स्पष्ट किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा, लेकिन कांग्रेस ने कुछ कट्टरपंथी तत्वों को खुश करने के लिए इस सिद्धांत की अनदेखी की।"प्रधानमंत्री के इस भाषण को आने वाले चुनावों के मद्देनज़र एक अहम राजनीतिक संकेत माना जा रहा है, जिसमें वे UCC को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की ओर बढ़ रहे हैं।