img

Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार चुनाव के नाम पर पूरे देश में एनआरसी जैसी प्रक्रिया लागू करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक और चिंताजनक बताया है। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार को चुनाव आयोग से कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

दरअसल, चुनाव आयोग बिहार समेत छह राज्यों में विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान शुरू करने जा रहा है। इसका उद्देश्य अवैध विदेशियों को मतदाता सूची से हटाकर सटीक और विश्वसनीय मतदाता सूची बनाना है। अब जबकि बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, तो इस प्रक्रिया की शुरुआत बिहार से की जा रही है।

ममता बनर्जी ने कहा, "फिलहाल इसे बिहार में लागू किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसे देश के हर राज्य में लागू किया जाएगा। असली निशाना बंगाल है, क्योंकि उन्हें प्रवासी श्रमिकों और गरीब मतदाताओं से डर लगता है। गरीब और श्रमिक अपने माता-पिता का प्रमाण पत्र कहां से लाएंगे? उन्होंने यह भी पूछा। उन्होंने इस नई प्रक्रिया की सीधे तौर पर एनआरसी से तुलना की और इसे और भी खतरनाक बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया, "ये लोग जानबूझकर गरीब और युवा मतदाताओं के अधिकार छीनना चाहते हैं। क्या युवा पीढ़ी को वोट देने का अधिकार नहीं है?"

'चुनाव आयोग कुछ नहीं कर रहा है'

सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों से सलाह किए बिना एकतरफा फैसले ले रहा है। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग सोचता है कि राजनीतिक दल और चुनी हुई सरकारें उसकी गुलाम हैं। यह मानसिकता लोकतंत्र को कमजोर करती है।" उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने टीएमसी से बूथ लेवल एजेंटों के बारे में जानकारी मांगी है, जिसे पार्टी ने देने से इनकार कर दिया है। यह सभी भाजपा प्रचारकों द्वारा बनाई गई योजना है। मैं इसका कड़ा विरोध करूंगी।

--Advertisement--