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Up Kiran, Digital Desk: कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के हालिया चुनाव में भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने अपनी मजबूत पकड़ को कायम रखते हुए सचिव पद पर जीत हासिल की है। यह उनका लगातार पांचवां चुनावी सफर है, जिसमें उन्होंने भाजपा के ही पूर्व सांसद संजीव बाल्यान को परास्त किया। इस चुनाव को खास इसलिए भी देखा गया क्योंकि मुख्य मुकाबला भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच था, जिसने राजनीतिक गलियारों में उत्सुकता बढ़ा दी।

मंगलवार को आयोजित इस चुनाव में देश के कई बड़े नाम, जैसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी वोटिंग की। कुल लगभग 1300 वर्तमान और पूर्व सांसदों में से 680 से ज्यादा मतदाताओं ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया, जो कि क्लब के चुनावों में सबसे अधिक सक्रियता मानी जा रही है।

वोटों की गिनती देर रात तक चली, लेकिन शुरुआत से ही रूडी की बढ़त बरकरार रही। जीत के बाद रूडी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह सफलता सांसद समुदाय और उनके समर्थनकर्ताओं के लगातार विश्वास का नतीजा है। उन्होंने अपने समर्थक पैनल की भी सराहना की, जो इस जीत का अहम हिस्सा रहे।

राजनीतिक रणनीतियों के अलावा, इस चुनाव में सामाजिक-राजनीतिक कारक भी देखे गए। रूडी और बाल्यान के बीच जातिगत भेदभाव की भी चर्चा रही, क्योंकि रूडी ठाकुर समुदाय से और बाल्यान जाट समुदाय से हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों के बीच व्यक्तिगत संबंध और पृष्ठभूमि की रणनीतियों ने भी चुनावी परिणाम को प्रभावित किया।

हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि विपक्ष के कुछ सदस्य रूडी के पक्ष में रहे, जबकि भाजपा के भीतर मतभेद देखने को मिले। इससे पता चलता है कि यह चुनाव केवल पार्टी के भीतर का मामला नहीं था, बल्कि विभिन्न घटकों की जटिल राजनीतिक समीकरणों का परिणाम भी था।

कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का सचिव पद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह क्लब की दिनचर्या और कार्यक्रमों के प्रबंधन में निर्णायक भूमिका निभाता है, जबकि लोकसभा अध्यक्ष इस क्लब के पदेन अध्यक्ष होते हैं।

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