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Up Kiran, Digital Desk: बीते कुछ महीनों से शांत दिख रही महामारी एक बार फिर सिर उठाने लगी है। देश के विभिन्न हिस्सों से कोविड-19 के नए मामले सामने आने लगे हैं, और इसके मद्देनज़र स्वास्थ्य तंत्र एक बार फिर सतर्क मुद्रा में आ गया है। बिहार के भागलपुर जिले से आई ताज़ा रिपोर्ट इस बात का संकेत है कि प्रशासन अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहता।
भागलपुर का मॉडल सदर अस्पताल बना तैयारी का मॉडल
भागलपुर के मॉडल सदर अस्पताल में एक बार फिर कोविड से निपटने की तैयारियाँ तेज़ कर दी गई हैं। एहतियात के तौर पर यहां 10 बेड का विशेष कोविड वार्ड तैयार किया गया है। हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा सुनिश्चित की गई है और जरूरी दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक भी जमा कर लिया गया है।
सदर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजू कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त निर्देशों के तहत पूरी सतर्कता बरती जा रही है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, अब तक जिले में कोविड का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है – इसी सोच के साथ अस्पताल ने अपनी व्यवस्था दुरुस्त कर ली है।
चिकित्सा स्टाफ की 24 घंटे निगरानी
कोविड वार्ड के साथ-साथ डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को भी अलर्ट मोड में रखा गया है। अस्पताल प्रबंधक आशुतोष कुमार लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हर संभव तैयार हैं।
आख़िर क्यों ज़रूरी है ये सतर्कता
पिछले अनुभवों से हमने सीखा है कि कोरोना वायरस की लहरें अचानक और तीव्र गति से फैलती हैं। ऐसे में छोटे स्तर पर शुरू की गई यह सतर्कता बाद में बड़े नुकसान से बचा सकती है। मॉडल सदर अस्पताल की यह पहल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा हो सकती है कि कोविड की गंभीरता को नजरअंदाज करना जोखिम भरा हो सकता है।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि लोग मास्क पहनना शुरू करें, भीड़भाड़ से बचें और अगर हल्के लक्षण भी महसूस हों, तो तुरंत जांच कराएं। वैक्सीन की बूस्टर डोज़ लेने में भी लोग लापरवाही न बरतें।
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