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Up Kiran, Digital Desk: देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहतरीन ख़बर सामने आई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर (Corporate India) यानी भारत की बड़ी कंपनियों ने अपनी कमाई में जबरदस्त 9% की वृद्धि (ग्रोथ) दर्ज की है। यह आंकड़ा खासकर इसलिए भी अहम है क्योंकि बीते कुछ समय से बाज़ार में ब्याज दर (Interest Rate) को लेकर थोड़ी उठा-पटक चल रही थी। यह आकड़ा भारत के मजबूत बाजार को दर्शाता है।

किन फैक्टर्स ने बढ़ाई कमाई: जानकारों का कहना है कि यह उछाल आकस्मिक नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ ठोस कारण हैं जो अर्थव्यवस्था की मजबूती की तरफ इशारा करते हैं:

उत्पाद की ऊंची कीमतें (High Prices): कई कंपनियों ने अपने माल या सेवाओं की कीमतों में वृद्धि की थी। जब कीमतें बढ़ती हैं, तो कंपनियां 'टॉप लाइन' (यानी कुल रेवेन्यू या टर्नओवर) पर ज्यादा ग्रोथ दर्ज करती हैं। कीमतों में ये बढ़ोतरी आंशिक रूप से कच्चे माल (Raw Materials) की बढ़ी हुई कीमतों के बोझ को भी संतुलित करने में मदद करती है।

ज़ोरदार मांग (Strong Demand): बाजार में ग्राहकों की मांग लगातार मजबूत बनी हुई है। जैसे ही लोगों ने अपने अटके हुए ख़र्च को फिर से शुरू किया और त्यौहारी सीज़न शुरू होने वाला था, इसका असर बिक्री पर तुरंत दिखने लगा।

फायदेमंद कर्ज दर (Favourable Credit Cost): बैंकों द्वारा दिया जाने वाला कर्ज यानी 'क्रेडिट' थोड़ा महंगा ज़रूर हुआ है, लेकिन अब यह एक संतुलित स्थिति में आ गया है। खासकर बड़े बिज़नेस ने सही समय पर निवेश किया जिसका सीधा मुनाफा इस तिमाही में मिला।

कमज़ोर पॉइंट क्या रहे: यह 9% की ग्रोथ शानदार है, पर इसके साथ एक और तस्वीर जुड़ी हुई है: कंपनियों के शुद्ध मुनाफे (Net Profit) पर थोड़ा दबाव देखने को मिला है। इसका मुख्य कारण कच्चे माल (Raw Material) और अन्य इनपुट की बढ़ती हुई कीमतें हैं। जब खर्च ज्यादा होता है, तो कंपनियों का कुल मुनाफा भले ही टर्नओवर बढ़ा हो, कम हो जाता है। इसके बावजूद, कंपनियों की कुल कमाई में आया यह उछाल अर्थव्यवस्था के पटरी पर सही गति से आगे बढ़ने का साफ संकेत है।

विश्लेषकों का मानना है कि आने वाली तिमाहियों (Quarter) में अगर महँगाई दर स्थिर रहती है और सरकारी नीतियाँ अनुकूल रहती हैं, तो यह ग्रोथ बनी रहेगी और अंततः शुद्ध मुनाफे में भी बढ़ोतरी होगी।