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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां अब रफ्तार पकड़ चुकी हैं। ग्राम पंचायतों की सीमाओं और जनसंख्या के आधार पर नए परिसीमन की प्रक्रिया को लेकर जिला प्रशासन ने समयसारणी जारी कर दी है। यह प्रक्रिया उन क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो गई है जहां हाल के वर्षों में नगर निगमों का विस्तार हुआ है, जिससे कई ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में समाहित हो चुकी हैं।

22 जुलाई तक चलेगा जनसंख्या मूल्यांकन, अगस्त में आएगी अंतिम सूची

शुक्रवार से शुरू हो रही गणना प्रक्रिया के तहत 22 जुलाई तक ग्राम पंचायतों की जनसंख्या का विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद, 23 जुलाई से 28 जुलाई तक ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की प्रस्तावित सूची तैयार कर सार्वजनिक की जाएगी।

29 जुलाई से 2 अगस्त के बीच इन प्रस्तावों पर आमजन से आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। फिर 3 से 5 अगस्त के बीच आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। अंत में 6 से 10 अगस्त के बीच परिसीमन की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाएगी।

परिवर्तित सीमा वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान

जिन विकास खंडों में सीमा विस्तार की वजह से ग्राम पंचायतों की स्थिति बदली है, वहां परिसीमन की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के गठन व विस्तार के चलते प्रभावित क्षेत्रों में भी निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं के पुनर्निर्धारण का कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए गए हैं।

मलिहाबाद की पंचायतें नगर निगम में हुईं शामिल

जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) जितेंद्र कुमार गोंड़ ने बताया कि पिछली बार 2021 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद मलिहाबाद विकास खंड की तीन ग्राम पंचायतें—सरावां, मुजासा और फिरोजपुर—अब लखनऊ नगर निगम की सीमा में आ चुकी हैं। इसलिए पहले इन क्षेत्रों के क्षेत्र पंचायत वार्डों का परिसीमन किया जाएगा और उसके बाद जिला पंचायत वार्डों की नई सीमाएं तय की जाएंगी।


 

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