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Bangladesh News: चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को झटका देते हुए बांग्लादेश की चटगाँव कोर्ट ने गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हुई सुनवाई के दौरान जमानत देने से इनकार कर दिया। दास बांग्लादेश सम्मिलितो सनातन जागरण जोत समूह के सदस्य हैं और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) से जुड़े हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी जमानत की सुनवाई में 11 वकीलों की एक टीम शामिल थी। इस घटनाक्रम को "दुखद" बताते हुए, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन दास ने बांग्लादेश सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि हिंदू भिक्षु को न्याय मिले।

इससे पहले, एक्स पर एक पोस्ट में, इस्कॉन ने कहा, "हमें परेशान करने वाली खबरें मिली हैं कि इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक श्री चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।"

ढाका ट्रिब्यून अख़बार के मुताबिक, इस मामले में हिंदू नेता को मुख्य आरोपी बनाया गया है, साथ ही 164 लोगों की पहचान की गई है और 400 से 500 अज्ञात लोगों के नाम भी हैं। वो पहले से ही देशद्रोह के आरोप में जेल में है।  

ये शिकायत हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम बांग्लादेश के सदस्य इनामुल हक ने दर्ज कराई है। उल्लेखनीय है कि हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम 2010 में गठित एक कट्टरपंथी समूह है जो मॉर्डन कानूनों के विरुद्ध है और बांग्लादेश में इस्लामी कानून लागू करने की वकालत करता है। उनकी शिकायत चटगाँव मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मोहम्मद अबू बकर सिद्दीकी की अदालत में दर्ज कराई गई थी।

अपनी शिकायत में हक ने इल्जाम लगाया है कि 26 नवंबर को न्यायालय में भूमि रजिस्ट्री का काम पूरा करने के बाद घर लौटते समय चिन्मय दास के अनुयायियों ने उन पर हमला किया था।