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Up Kiran, Digital Desk: मृत्यु को लेकर आम तौर पर हमारे समाज में शोक और ग़म का माहौल होता है, लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे स्थान भी हैं, जहां मृत्यु को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। अफ्रीका के एक छोटे से देश घाना में, यह परंपरा बहुत ही दिलचस्प तरीके से देखने को मिलती है। यहां, जब किसी व्यक्ति का निधन होता है, तो परिजनों और रिश्तेदारों के लिए यह शोक का समय नहीं, बल्कि एक बड़े उत्सव का अवसर बन जाता है।

घाना में मृत्यु का उत्सव

घाना में किसी की मृत्यु पर पारंपरिक रूप से शोक नहीं मनाया जाता। इसके बजाय, परिवार और दोस्त उस व्यक्ति की याद में एक विशाल फ्यूनरल पार्टी का आयोजन करते हैं। इस पार्टी में न केवल परिवार बल्कि दोस्तों और रिश्तेदारों की भी बड़ी संख्या शामिल होती है। लोग अच्छे कपड़े पहनकर आते हैं, संगीत और नृत्य के साथ पूरी रात का जश्न मनाया जाता है। यह पार्टी किसी बड़े त्यौहार की तरह होती है, जहां दुख और शोक की जगह खुशी और उल्लास की भावना होती है।

मृतक की याद में बड़े आयोजन

घाना में मृतक के परिवार वाले एक अद्भुत परंपरा निभाते हैं, जहां वे मृतक के चित्र वाले कपड़े पहनकर उसका सम्मान करते हैं। फ्यूनरल पार्टी में जितने ज्यादा लोग शामिल होते हैं, यह माना जाता है कि मृतक व्यक्ति उतना ही मिलनसार था। यह एक सामाजिक संकेत है कि वह व्यक्ति अपने जीवन में अन्य लोगों से जुड़ा हुआ था और लोगों को साथ में लाने में सक्षम था।

ताबूत की सजावट और परंपराएं

घाना के अंतिम संस्कार के दौरान एक और दिलचस्प पहलू होता है- ताबूत। यहां पर ताबूत को मात्र एक साधारण लकड़ी का बॉक्स नहीं माना जाता, बल्कि इसे विशेष रूप से मृतक की ज़िंदगी और रुचियों के अनुसार डिजाइन किया जाता है। ताबूत की आकृतियां मृतक के पेशे, पसंद, या जीवन से जुड़ी किसी खास चीज़ को दर्शाती हैं। कुछ ताबूतों को तो ऐसी आकृतियों में ढाला जाता है, जैसे कार, जहाज या यहां तक कि किसी विशेष रूप में जिसे मृतक के जीवन से जोड़ा जा सके। इसे एक कला के रूप में देखा जाता है, जो मृतक के लिए एक अंतिम सम्मान और श्रद्धांजलि होती है।

उत्सव का उद्देश्य

घाना में इस अनोखी परंपरा के पीछे एक खास तर्क है। लोग मानते हैं कि मृत्यु के बाद की यह खुशी का उत्सव मृतक की आत्मा को शांति देता है और जीवित लोगों को भी एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। उनके लिए यह एक तरीका है जिसमें वे मृतक के अच्छे कार्यों को सम्मानित करते हैं और उसे एक तरह से समाज में जीवित रखते हैं। आलोचनाओं के बावजूद, यहां के लोग अपनी इस परंपरा को बनाए हुए हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे समाज में सामूहिक खुशी और एकजुटता बढ़ती है।

आलोचना और परंपरा

हालांकि, इस परंपरा को लेकर घाना में कई बार आलोचनाएं भी सामने आई हैं। कुछ लोग इसे शोक की असल भावना से बाहर की चीज मानते हैं, और यह तर्क देते हैं कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज में वास्तविक दुख और शोक की भावना का सम्मान नहीं होता। लेकिन इसके बावजूद, घाना के लोग अपनी इस परंपरा से पूरी तरह जुड़े हुए हैं और इसे अपने सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे का अहम हिस्सा मानते हैं।

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