_1291634321.png)
Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश के भिंड जिले से सामने आया एक चौंकाने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तीव्र गति से वायरल हो रहा है, जिसने प्रशासनिक मर्यादाओं और छात्र अधिकारों को लेकर गहरी बहस छेड़ दी है। आरोप है कि जिले के मजिस्ट्रेट और आईएएस अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने एक परीक्षा के दौरान नकल के संदेह में एक छात्र को थप्पड़ों से पीटा। यह घटना 1 अप्रैल की बताई जा रही है, जिसका सीसीटीवी फुटेज अब सामने आया है।
घटना भिंड के दीनदयाल दंगरुलिया महाविद्यालय की है, जहां बीएससी सेकेंड ईयर की परीक्षा चल रही थी। वायरल वीडियो में अधिकारी छात्र रोहित राठौड़ को कक्षा के भीतर और बाद में स्टाफ रूम में कथित रूप से थप्पड़ मारते दिख रहे हैं। वीडियो में संजीव श्रीवास्तव यह कहते भी सुने जा सकते हैं – “तेरा पेपर कहां है? हवा में लिख रहा था?” इसके बाद वह छात्र को एक अन्य कमरे में ले जाते हैं और उसकी उत्तरपुस्तिका स्टाफ को सौंप देते हैं।
इस घटनाक्रम ने छात्रों, अभिभावकों और सोशल मीडिया पर आम जनता के बीच गहरी नाराज़गी पैदा कर दी है।
जहां एक ओर अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने NDTV से बातचीत में कहा कि उन्हें कॉलेज में सामूहिक नकल की शिकायत मिली थी और उन्होंने दावा किया कि उक्त छात्र ने अपना प्रश्नपत्र बाहर भेज दिया था, वहीं छात्र रोहित राठौड़ का कहना है कि उस पर लगे नकल के आरोप निराधार हैं। छात्र ने बताया कि थप्पड़ से उसके कान पर चोट आई, लेकिन चूंकि सामने एक आईएएस अधिकारी थे, इसलिए वह डर के मारे कुछ नहीं कह सका।
गलती छात्र की हो सकती है, लेकिन
— Vipendra Manav ® (@VipendraManav) July 13, 2025
उसे थप्पड़ मारना अधिकार नहीं,
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जो किया,
वो शिक्षा नहीं, अपमान था।
मैं माँग करता हूँ— ???? तत्काल बर्खास्तगी
मोहन यादव जी भिंड कलेक्टर को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए.#Bhind @DrMohanYadav51 @SC__INDIA1 @NEYU4INDIA pic.twitter.com/GGslXSrZzr
सोशल मीडिया पर नाराज़गी
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने मध्य प्रदेश सरकार और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। यूज़र्स का कहना है कि यदि छात्र दोषी भी था, तो भी एक वरिष्ठ अधिकारी को उसका शारीरिक शोषण करने का अधिकार नहीं है। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाए कि क्या अनुशासन लागू करने के नाम पर अब शारीरिक हिंसा को वैध ठहराया जाएगा?
--Advertisement--