
Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) 2025 की नीलामी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के दोनों बेटों के भाग्य में बड़ा अंतर देखने को मिला। उनके बड़े बेटे आर्यावीर सहवाग को 8 लाख रुपये में खरीदा गया, जबकि छोटे बेटे वेदांत सहवाग, जिन्होंने अंडर-16 क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया था, अनसोल्ड रह गए।
यह ऑक्शन डीसीएल (दिल्ली क्रिकेट लीग) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य दिल्ली की प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना है। नीलामी में आर्यावीर सहवाग के लिए दिलचस्पी दिखाई गई और उन्हें एक टीम ने 8 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा। आर्यावीर पिछले कुछ समय से दिल्ली के घरेलू क्रिकेट सर्किट में सक्रिय हैं और अपनी बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं।
वेदांत सहवाग के लिए स्थिति थोड़ी अलग रही। उन्होंने अंडर-16 स्तर पर कुछ हीरोइक प्रदर्शन किए हैं, जिसमें शानदार शतक और महत्वपूर्ण पारियां शामिल हैं। उनके इस प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद, नीलामी में किसी भी टीम ने उन पर बोली नहीं लगाई, और वह अनसोल्ड रह गए। यह क्रिकेट नीलामी की अप्रत्याशित प्रकृति को दर्शाता है, जहाँ प्रतिभा के बावजूद कई बार खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल पाता।
वीरेंद्र सहवाग के दोनों बेटों का क्रिकेट के प्रति जुनून किसी से छिपा नहीं है। वे अपने पिता की तरह ही क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते हैं। आर्यावीर का बिकना उनके लिए एक अच्छी शुरुआत है, जबकि वेदांत को अगले सीजन में या अन्य टूर्नामेंट्स में अपनी प्रतिभा साबित करने का मौका मिलेगा।यह घटना क्रिकेट की दुनिया के उतार-चढ़ाव और खिलाड़ियों के लिए अवसरों की चुनौतियों को रेखांकित करती है, जहां हर किसी को एक समान किस्मत नहीं मिलती।
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