Up kiran,Digital Desk : भारत ने अपनी स्वदेशी मिसाइल प्रौद्योगिकी में एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट के पास प्रलय मिसाइल का सफल सैल्वो लॉन्च किया। इस परीक्षण में एक ही लॉन्चर से कम समय में दो मिसाइलों का प्रक्षेपण किया गया, जो देश की त्वरित प्रतिक्रिया और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन है।
परीक्षण का विवरण
दिन और समय: बुधवार सुबह, करीब 10:30 बजे
स्थान: ओडिशा तट के पास
उद्देश्य: यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल्स के तहत मिसाइल की सटीकता और प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण
परिणाम: दोनों मिसाइलों ने अपने तय मार्ग का पूरी तरह पालन किया और सभी उड़ान उद्देश्यों को पूरा किया
ट्रैकिंग और निगरानी
चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज के ट्रैकिंग सेंसरों ने पूरे ट्रैजेक्टरी की पुष्टि की।
लक्ष्य क्षेत्र के पास तैनात जहाजों पर लगे टेलीमेट्री सिस्टम ने अंतिम चरण की सभी घटनाओं को रिकॉर्ड किया।
प्रलय मिसाइल की खासियत
स्वदेशी ठोस ईंधन से संचालित क्वासी-बैलिस्टिक मिसाइल।
अत्याधुनिक गाइडेंस और नेविगेशन सिस्टम, जिससे सटीक निशाना संभव।
विभिन्न प्रकार के वारहेड ले जाने की क्षमता, जिससे अलग-अलग लक्ष्यों को भेदना संभव।
सैन्य उपयोगिता और प्रभावशीलता में वृद्धि।
विकास में सहयोग
मुख्य विकास केंद्र: हैदराबाद रिसर्च सेंटर।
डीआरडीओ की कई प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों ने सहयोग किया।
प्रमुख उद्योग भागीदार: भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड।
परीक्षण में शामिल: डीआरडीओ वरिष्ठ वैज्ञानिक, भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के प्रतिनिधि।
प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सेना, वायुसेना और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों को बधाई दी।
डीआरडीओ प्रमुख के अनुसार, यह सफलता प्रलय मिसाइल के सेना में जल्द शामिल होने की तैयारी को दर्शाती है।
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