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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में करछना थाना क्षेत्र के इसौटा गांव में एक सनसनीखेज वारदात ने सभी को हैरान कर दिया। रविवार सुबह गांव के बगीचे में 30 वर्षीय देवी शंकर का अधजला शव मिला। परिजनों ने इल्जाम लगाया कि उसे गेहूं के बोझ में जिंदा जलाया गया। तो वहीं पुलिस का कहना है कि हत्या के बाद शव जलाया गया। इस घटना ने गांव में तनाव पैदा कर दिया है।

जानें पूरा मामला

मृतक के पिता अशोक कुमार ने बताया कि शनिवार रात 8 बजे गांव के कुछ लोग उनके बेटे को खेत में गेहूं बांधने के बहाने ले गए। सवेरे साढ़े पांच बजे ग्रामीणों ने बगीचे में अधजला शव देखा और अशोक ने इसे अपने बेटे के रूप में पहचाना। घर वालों और गांव वालों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से रोक दिया और आरोपियों की अरेस्टी की मांग की। भारी पुलिस बल और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची।

अशोक कुमार की तहरीर पर गांव के दिलीप सिंह, अजय सिंह, विनय सिंह, मनोज सिंह, सोनू सिंह, शेखर, मोहित और एक अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने छह आरोपियों को अरेस्ट कर लिया, मगर मुख्य आरोपी दिलीप उर्फ छोट्टन फरार है। फोरेंसिक जांच के बाद चार घंटे की जद्दोजहद के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

बता दें कि देवी शंकर मजदूरी करता था। अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी पत्नी की पहले ही मृत्यु हो चुकी है और वो अपनी बेटी काजल और दो बेटों सूरज व आकाश के साथ रहता था। घटना के बाद गांव में तनाव व्याप्त है। खासकर क्योंकि मामला दलित समुदाय से जुड़ा है। दलित नेताओं ने गांव पहुंचकर परिवार को सुरक्षा, आर्थिक मदद और आवास की मांग के लिए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। पुलिस ने तनाव को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात की है।