
Up Kiran, Digital Desk: भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) का डर फैल गया है, जिसके बाद सरकार हरकत में आ गई है और पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। देश के पशु उत्पादन और स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कड़े नियम लागू कर दिए हैं।
श्रीलंका के सभी जिलों को "अफ्रीकी स्वाइन फीवर रिस्क एरिया" घोषित कर दिया गया है, और सूअरों को "बीमारी फैलाने वाले जानवर" की श्रेणी में रख दिया गया है। यह फैसला देश में पहली बार 2024 में इस बीमारी के घातक हमले के बाद लिया गया है।
क्या हैं ये नए सख्त नियम: 3 अक्टूबर, 2025 से अगले तीन महीनों के लिए पूरे देश में सख्त नियम लागू किए गए हैं, ताकि इस बीमारी को और फैलने से रोका जा सके। इन नए नियमों के तहत कई चीजों पर पाबंदी लगा दी गई है:
बिना परमिट के नहीं काट सकते सूअर: अब किसी भी सूअर को मांस के लिए काटने से पहले एक विशेष ट्रांसपोर्ट परमिट लेना अनिवार्य होगा।
सूअर के मांस की बिक्री पर कंट्रोल: सूअर का मांस या उससे बने किसी भी प्रोडक्ट को बेचने, रखने या सप्लाई करने के लिए भी विशेष परमिट की ज़रूरत होगी।
गैर-मंजूरशुदा जगहों पर पाबंदी: किसी भी ऐसी जगह पर सूअर काटना या मांस स्टोर करना जो किसी सरकारी अधिकारी द्वारा मंजूरशुदा न हो, पूरी तरह से गैर-कानूनी होगा।
अफ्रीकी स्वाइन फीवर है क्या बला?
यह सूअरों में होने वाली एक बेहद खतरनाक वायरल बीमारी है, जो क्लासिकल स्वाइन फीवर वायरस (CSFV) और अफ्रीकी स्वाइन फीवर वायरस (Asfivirus) से होती है। इससे सूअर बुरी तरह बीमार हो जाते हैं और यह बीमारी बहुत तेजी से दूसरे सूअरों में फैलती है। यह सीधे संपर्क में आने, दूषित चारा खाने या कभी-कभी कीड़ों के काटने से भी फैलती है।
क्या इंसानों को भी है इससे खतरा: यहाँ एक बहुत बड़ी गलतफहमी को दूर करना ज़रूरी है। बहुत से लोग स्वाइन फीवर और स्वाइन फ्लू को एक ही बीमारी समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।
स्वाइन फीवर (Swine Fever): यह बीमारी सिर्फ सूअरों में होती है, इंसानों में नहीं। इससे इंसानों को कोई खतरा नहीं है।
स्वाइन फ्लू (Swine Flu): यह इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) वायरस की वजह से होती है। हालांकि इसकी शुरुआत सूअरों से हुई थी, लेकिन अब यह एक इंसान से दूसरे इंसान में खांसने या छींकने से फैलती है। इसका सूअर का मांस खाने से कोई संबंध नहीं है।
श्रीलंका सरकार के इस सख्त कदम से उम्मीद की जा रही जानलेवा बीमारी पर जल्द काबू पा लिया जाएगा और देश के सूअर उद्योग को बड़े नुकसान से बचाया जाएगा।