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Up Kiran, Digital Desk:  तेलंगाना में चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है और इसी बीच, केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने KCR सरकार पर अब तक का सबसे बड़ा और 'करंट' वाला हमला बोला है। उन्होंने राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि उनकी ग़लत और भ्रष्ट नीतियों की वजह से तेलंगाना का पावर सेक्टर (बिजली विभाग) 72,000 करोड़ रुपये के भारी-भरकम कर्ज़ में डूब गया है।

रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेहद आक्रामक अंदाज़ में कहा, "एक तरफ़ तो सरकार 24 घंटे मुफ़्त बिजली देने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन दूसरी तरफ़ सच्चाई यह है कि बिजली विभाग दिवालिया होने की कगार पर पहुँच गया ਹੈ। यह 72,000 करोड़ रुपये का कर्ज़ कोई छोटा-मोटा रक़म नहीं है, यह तेलंगाना की जनता की जेब पर डाला गया डाका है।

सरकार पर लगाए ये 5 बड़े आरोप:

किशन रेड्डी ने सिर्फ़ कर्ज़ का आंकड़ा ही नहीं बताया, बल्कि उन्होंने सरकार की नीयत पर भी गंभीर सवाल उठाए:

  1. कहाँ गया पैसा? उन्होंने पूछा कि अगर बिजली इतनी महँगी ख़रीदी जा रही थी और विभाग घाटे में था, तो सरकार ने समय रहते ज़रूरी क़दम क्यों नहीं उठाए? आख़िर यह पैसा किसकी जेब में गया?
  2. भ्रष्टाचार का अड्डा: उन्होंने आरोप लगाया कि पावर सेक्टर, ख़ासकर नए पावर प्लांट लगाने और बिजली ख़रीदने के सौदों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
  3. किसानों से धोखा: रेड्डी ने कहा कि सरकार 24 घंटे बिजली का झूठा प्रचार करके किसानों को गुमराह कर रही ਹੈ। ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि कई गाँवों में आज भी घंटों बिजली कटौती होती है।
  4. आम जनता पर बोझ: उनका कहना था कि इस कर्ज़ की भरपाई के लिए सरकार आने वाले समय में बिजली की दरें बढ़ाएगी, जिसका सीधा बोझ तेलंगाना के आम परिवारों पर पड़ेगा।
  5. डूबती कंपनियों (DISCOMs) का सच: उन्होंने राज्य की बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) की ख़राब माली हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार ने इन्हें भी अपनी जेब भरने का एक ज़रिया बना लिया है।

सरकार से माँगा श्वेत पत्र

किशन रेड-्डी ने KCR सरकार को चुनौती देते हुए मांग की ਹੈ कि वह पावर सेक्टर की इस ख़राब हालत पर एक 'श्वेत पत्र' (White Paper) जारी करे और जनता को बताए कि राज्य को इतने बड़े कर्ज़ के कुएँ में क्यों धकेला गया।

इस 'बिजली बम' ने तेलंगाना की राजनीति में एक नया तूफ़ान ला दिया है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार बीजेपी अध्यक्ष के इन तीखे और सीधे आरोपों का क्या जवाब देती है।