Up Kiran, Digital Desk: नैनीताल जिले के रामनगर के प्रसिद्ध पीएनजी पीजी महाविद्यालय में बीते पांच वर्षों से छात्रों की संख्या में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है। वर्ष 2020-21 में यहां 5079 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था। इनमें 1991 लड़के और 3088 लड़कियां शामिल थीं। इसके बाद हालांकि 2021-22 में संख्या अस्थायी रूप से बढ़कर 5108 हुई, लेकिन इसके बाद से लगातार कॉलेज खाली होता जा रहा है।
वर्तमान सत्र 2024-25 में यहाँ 1671 छात्र और 2922 छात्राएं ही नामांकित रह गई हैं। यानी कुल संख्या घटकर 4593 रह गई है।
नए कॉलेजों की ओर झुकाव
महाविद्यालय प्रशासन का कहना है कि हाल के वर्षों में रामनगर और आसपास कई नए निजी व सरकारी संस्थान खुले हैं। विद्यार्थी बेहतर विषय विकल्प और आधुनिक सुविधाओं की तलाश में वहीं दाखिला ले रहे हैं। खासतौर पर छोटे संस्थानों में उपलब्ध सीमित कोर्स के कारण छात्र बड़े विश्वविद्यालयों की ओर रुख कर रहे हैं।
परंपरागत शिक्षा से दूरी
कॉलेज प्राचार्य का मानना है कि आज के समय में पारंपरिक शिक्षा पद्धति युवाओं को आकर्षित नहीं कर रही। युवा अब तकनीकी शिक्षा और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों में अधिक रूचि दिखा रहे हैं। खासकर लड़के इंटरमीडिएट के बाद जल्दी नौकरी तलाशने निकल जाते हैं, जिससे उनकी उपस्थिति कॉलेजों में कम होती जा रही है।
लड़कियों की संख्या में स्थिरता
दिलचस्प बात यह है कि लड़कियों की संख्या पर इस रुझान का ज्यादा असर नहीं पड़ा। पांच साल पहले 100 लड़कों पर लगभग 155 लड़कियां पढ़ती थीं। अब यह अनुपात बढ़कर 100 लड़कों पर 175 लड़कियां हो चुका है। इसका मतलब है कि शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों की भागीदारी लगातार मजबूत बनी हुई है।
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